इस बजट की कोई कमजोरी है तो यह कि वह कोई आर्थिक संदेश नहीं दे रहा है. आर्थिक सुधारों पर कोई बड़ा बयान नहीं; निजीकरण, विनिवेश का कोई जिक्र नहीं; न करों में कोई बड़ी छूट, प्रोत्साहनों और विनियमन को लेकर कोई कदम नही.
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने दिप्रिंट को बताया कि सरकार और बैंकों के प्रबंधन के बीच विचार-विमर्श चल रहा है और कुछ बैंकों के लिए एक बार में 25% तक पहुँचना संभव नहीं होगा.