प्राडा अब महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास स्थित हुपरी के चांदी की पायल बनाने वाले कारीगरों के साथ साझेदारी पर ‘विचार’ कर रहा है. चांदी के दाम बढ़ने और पायल के फैशन से बाहर होने के बीच, कारीगर उम्मीद कर रहे हैं कि यह फैशन रैंप के जरिए दोबारा लोकप्रिय हो सकेगी.
क्लब का नाम बदलकर ‘डीडीए रोशनारा क्लब’ कर दिया गया. और इसने अपने खास और ईलीट को भी छोड़ दिया है. अब यह संघ, जो पहले केवल उत्तर दिल्ली के चुनिंदा सदस्यों तक सीमित था, सभी के लिए खुला है.
भारत में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) शहरी योजना की ‘कॉपी-पेस्ट’ सोच के महंगे और नाकाम उदाहरण बन गए हैं. जयपुर और पुणे में इन्हें हटाया जा रहा है, जबकि हुब्बल्ली-धारवाड़ में इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं.
दिल्ली जैसे शहरों में टू-स्ट्रोक बाइकों का दौर कब का ढल चुका है, लेकिन बेंगलुरु में ये आज भी एक खास दीवानगी को ज़िंदा रखे हुए हैं. "जिन्हें असली शौक होता है, वही इसमें उतरते हैं."
दिल्ली में नई बीजेपी सरकार खुद को डीटीसी का रक्षक बता रही है. चार महीने में 400 देवी बसें सड़कों पर उतारी गई हैं, डिपो को बेहतर किया गया है और नए रूट बनाए जा रहे हैं.
कोल्हापुरी चप्पलें लंबे समय से कम मांग और घटती कारीगर संख्या से जूझ रही हैं. अब सांस्कृतिक चोरी का एक मामला इस पारंपरिक शिल्प को दोबारा ज़िंदा करने का मौका दे रहा है.
मालवा इलाके के कई गांवों में दलित महिलाओं ने साझी ज़मीन पर खेती करने का हक़ हासिल किया है. अब वे एक नई बस्ती – बेगमपुरा – बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं और जानबूझकर गिरफ़्तारी दे रही हैं.
पुरानी दिल्ली से अयोध्या तक, फ़ौज़िया दस्तानगो हिंदू महाकाव्यों से लेकर मीना कुमारी की कहानी तक को उर्दू में नए अंदाज़ में पेश कर रही हैं. लोग उनकी कहानियों को बहुत पसंद कर रहे हैं.
मंगलवार को हुआ संविधान क्लब का चुनाव ‘ठाकुर बनाम बाकी’ की बीजेपी अंदरूनी जंग का अंत नहीं है. अगला लोकसभा चुनाव आने से पहले जातिगत जनगणना के नतीजों का इंतज़ार कीजिए.