मुक्त व्यापार, वैश्वीकरण पर ध्यान दीजिए; केवल यूक्रेन और गाज़ा ही ऐसे मसले नहीं हैं जो भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं. हकीकत यह है कि ट्रंप ने परमाणु अप्रसार के विचार की हत्या करके उसे दफन कर दिया है. परमाणु हथियार फिर से युद्ध-प्रतिरोधक बन गए हैं.
तमाम लोकतांत्रिक देशों में ‘डीप स्टेट’ आज साजिश के आरोपों को जन्म दे रहा है. इसकी शुरुआत अमेरिका से हुई और अब भारत भी इसमें तेजी से आगे बढ़ रहा है. कई यूरोपीय देश भी इस कारवां में शामिल हो रहे हैं.
केजरीवाल और ‘आप’ समाप्त नहीं, तो ध्वस्त तो हो ही चुके हैं. वैसे, हारने के बाद भी उनके पास अभी पंजाब जैसा बड़ा राज्य है, दिल्ली का नगर निगम है और 43 प्रतिशत वोट हैं.
कॉर्पोरेट वालों की मलामत करना आसान है. लेकिन अपने उद्यमियों, संपदा और रोजगार पैदा करने वालों को प्यार और सम्मान न देने वाला समाज निम्न-मध्यवर्गीय आय के खांचे में ही अटके रहने को अभिशप्त होता है.
इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.
हसीना ने आपका बैंक आपसे छीना, अब आपने उनसे उनकी सत्ता छीन कर बदला ले लिया है? अब आपके लिए कसौटी यह है कि आपको सार्वजनिक पद मिल गया है तब आप यह मान लें कि जनता ने आपमें भरोसा जताया है. क्या आप इस पद पर बने रहें और कुछ भी न करें? और आप कुछ करें, तो वह क्या हो?
डॉ. मनमोहन सिंह की सफलता यह थी कि उन्होंने पश्चिमी खेमे के साथ रणनीतिक रिश्ता बनाने के विचार की ओर निर्णायक एवं ऐतिहासिक पहल की. उन्हें खुद अपनी पार्टी और यूपीए के साथियों से जितना कम समर्थन हासिल था उसके मद्देनज़र यह बदलाव 1991 के आर्थिक सुधारों से कहीं ज्यादा साहसिक था.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .
अमेरिकी प्रतिबंधों और प्रतिबंधात्मक व्यापारिक नीतियों से खतरा महसूस करते हुए जापान ने संसाधनों तक अपनी पहुंच सुरक्षित करने के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपना विस्तार करने की कोशिश की. इसी वजह से उसने दिसंबर 1941 में पर्ल हार्बर पर हमला कर दिया था.