डॉ. मनमोहन सिंह की सफलता यह थी कि उन्होंने पश्चिमी खेमे के साथ रणनीतिक रिश्ता बनाने के विचार की ओर निर्णायक एवं ऐतिहासिक पहल की. उन्हें खुद अपनी पार्टी और यूपीए के साथियों से जितना कम समर्थन हासिल था उसके मद्देनज़र यह बदलाव 1991 के आर्थिक सुधारों से कहीं ज्यादा साहसिक था.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .
भाजपा ने केवल अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ पर हमला नहीं किया. विचारधारा के स्तर पर यह विचार कुछ अरसे से मजबूत हो रहा है, और डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे वैधता दी है.
इस हफ्ते इस कॉलम के लिए बिल्कुल माकूल तीन मुद्दे सामने थे: पुरानी, गरीबी दूर करने वाले ट्रेंड वापस आ गए हैं, स्टील इंडस्ट्री इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की पैरवी कर रहा है; आर्थिक सुधारों के एडी श्रौफ सरीखे पैरोकार आज दिख नहीं रहे.
इस उपमहादेश में क्रिकेट वाले रिश्ते खेल से जुड़े विवाद की वजह से नहीं, न ही हिंदू-मुस्लिम मसले के कारण बल्कि इन मुल्कों के हालात और उनके आपसी मनमुटाव की वजह से बिखरे हैं.
भारत को अपने दोनों प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ साफ प्रतिरोध क्षमता हासिल करनी होगी. चीन के मामले में ऐसा उसे हमला करने की बड़ी कीमत चुकाने का डर पैदा करके किया जा सकता है, तो पाकिस्तान को दंड का डर पैदा करके किया जा सकता है.
2024 के मोदी उन तीन सूत्रों पर सवार नहीं थे जिन्होंने उन्हें दो बार बहुमत दिलाया था और जिसने अभी-अभी ट्रंप को फिर से सत्ता दिलाई है. मोदी सिर्फ उसे बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे जो उन्हें हासिल था.
सिख अलगावादी अगर सिरदर्द हैं तो उनके मेज़बान देशों के लिए हैं जहां वह बसे हुए हैं. उनका एक ‘अंडरवर्ल्ड’ है जिसमें गिरोहों के बीच खूनी लड़ाई चलती रहती है और उनके पड़ोसी असुरक्षित होते हैं, तो भारत इस सबसे क्यों परेशान हो?
श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन को सहजता से अंजाम दिया गया, जबकि बांग्लादेश में इसके विपरीत सत्तासीन नेता को देश छोड़ने पर मजबूर किया गया और ऐसे अ-राजनीतिक लोगों ने कमान थाम ली जो चुनाव जीतने के भी काबिल नहीं हैं.
हर चीज़ को हलाल और हराम के द्विआधारी में क्यों बदल दिया जाना चाहिए? यह पॉप इस्लाम है - छद्म-इस्लामिक शक्ति धर्मशास्त्र द्वारा संचालित नकली धर्मनिष्ठा, जो दुनिया को भड़कीले हरे रंग में रंगना चाहती है.