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Wednesday, 11 December, 2024
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नेशनल इंट्रेस्ट

ट्रंप और मोदी को तो चुनाव जीतने का कारगर फॉर्मूला मिल गया, राहुल इसकी खोज में जुटे

2024 के मोदी उन तीन सूत्रों पर सवार नहीं थे जिन्होंने उन्हें दो बार बहुमत दिलाया था और जिसने अभी-अभी ट्रंप को फिर से सत्ता दिलाई है. मोदी सिर्फ उसे बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे जो उन्हें हासिल था.

कनाडा में सिख बागियों के ‘गैंगवार’ भारत का सिरदर्द नहीं, यह ठहरकर सोचने का वक्त है

सिख अलगावादी अगर सिरदर्द हैं तो उनके मेज़बान देशों के लिए हैं जहां वह बसे हुए हैं. उनका एक ‘अंडरवर्ल्ड’ है जिसमें गिरोहों के बीच खूनी लड़ाई चलती रहती है और उनके पड़ोसी असुरक्षित होते हैं, तो भारत इस सबसे क्यों परेशान हो?

श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान से सबक: अगर आपको धैर्य नहीं, तो आप लोकतंत्र के काबिल नहीं

श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन को सहजता से अंजाम दिया गया, जबकि बांग्लादेश में इसके विपरीत सत्तासीन नेता को देश छोड़ने पर मजबूर किया गया और ऐसे अ-राजनीतिक लोगों ने कमान थाम ली जो चुनाव जीतने के भी काबिल नहीं हैं.

आप इंदिरा गांधी के मुंह से कोई भी शब्द बुलवा लें, लेकिन भिंडरावाले से ये आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है

छोटा-सा सबक यह है कि आप इंदिरा गांधी के मुंह में तो कोई भी शब्द डाल करके बच सकते हैं, लेकिन भिंडरावाले की मौत के 40 साल बाद भी आपने उसके साथ ऐसा कुछ किया तो मुश्किल में पड़ जाएंगे.

बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए PM मोदी की अमेरिका से गुहार, भारत हसीना की हार को अपनी हार न बनाए

बांग्लादेश ने शेख हसीना और अवामी लीग को खारिज कर दिया तो क्या उसके जवाब में हम बांग्लादेश को ही खारिज कर देंगे? हम अपने पड़ोसी नहीं चुन सकते, लेकिन हम खुद कैसे पड़ोसी बनें यह फैसला तो कर ही सकते हैं.

राहुल गांधी कांग्रेस में जान फूंक सकते हैं, लेकिन उन्हें दशकों से बनी राजनीतिक छवि से बाहर आना होगा

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 99 सीटों पर जीत ने दो दशकों से राहुल गांधी को परेशान कर रहे तीन नुकीले सवालों की धार खत्म तो कर दी है मगर उनके अब तक के सियासी सफर पर भी गौर करना ज़रूरी है.

मोदी के लिए ‘जय जवान, जय किसान’ का फंदा, पुनर्जीवित विपक्ष के साथ 5 साल का टेस्ट मैच

मोदी की इस सरकार को भारी चुनौतियों का मुकाबला उस संपूर्ण सत्ता (जिसकी वह आदी हो चुकी थी) के बिना और एक-के-बाद-एक चुनावी चुनौतियों के बीच करना पड़ेगा.

मोदी की बदली दुनिया : लोकतंत्र से जुड़ी खीझें और राहुल के साथ चाय पीने की मजबूरी

मोदी सरकार की तीसरी पारी में बदली हुई वास्तविकता उस पुराने सामान्य दौर की वापसी होगी, जब बहुमत वाली सरकारों को भी बेहिसाब बहुचर्चित बगावतों का बराबर सामना करना पड़ता था.

मुस्लिम वोटों की ताकत लौटती दिख रही, और इस बार हिंदुओं ने भी उनके साथ गठजोड़ किया है

मुस्लिम वोट भाजपा की सबसे बड़ी चिंता हैं. विरोधी पहले से ही सक्रिय हैं और कमियों की तलाश कर रहे हैं. यूपी को फिर से हासिल किए बिना, भाजपा की हार के धीरे धीरे बढ़ने की संभावना है.

कांग्रेस के लिए अबकी बार 90 पार? क्यों 30 से अधिक सीटें BJP को कर सकती है परेशान

चुनाव नतीजे पर चर्चा में प्रायः हर कोई केवल भाजपा के ‘आंकड़े’ की बात कर रहा है, लेकिन क्या हो अगर हम समीकरण को उलट दें और यह सवाल करें कि हारने वाले का प्रदर्शन कैसा रहा?

मत-विमत

अन्नामलाई, किशन रेड्डी, विजयेंद्र — दक्षिण में भाजपा के रणबांकुरे क्यों जोश खो रहे हैं

अब जबकि प्रधानमंत्री मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में हैं, शायद भाजपा दक्षिणी राज्यों में लड़ने की इच्छाशक्ति खो रही है. इसके बजाय वह उत्तर में अपनी बढ़त को मजबूत करना चाहती है.

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दिल्ली में यमुना में मल मूत्र संबंधी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

कॉपी में सुधार के साथ रिपीट) (फाइल फोटो के साथ) नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.