राज्य और पार्टी का घाल-मेल कम्युनिस्ट तानाशाहियों की विशेषता रही है. पश्चिमी लोकतंत्र में कहीं ऐसा नहीं, पर भारत में वही कर डाला गया, जो संविधान को व्यवहार में तहस-नहस करके हुआ.
मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम कैंपस में 5 जुलाई 2025 को शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के हज़ारों कार्यकर्ता जुटे. यहां उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने करीब 20 साल बाद पहली बार एक साथ संयुक्त रैली की.