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Friday, 20 September, 2024

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‘गवाह बनने की कीमत’ — नीतीश कटारा मामले के चश्मदीद अजय कटारा की 37 मामलों, गोलियों और ज़हर से लड़ाई

कटारा कोई वीआईपी नहीं हैं, लेकिन अब उनकी ज़िंदगी हाई-लेवल सुरक्षा के घेरे में है और पुलिस अधिकारी उनके फोन में स्पीड डायल पर हैं. उनकी कहानी बताती है कि भारत में हत्या के गवाह आगे आने से क्यों कतराते हैं.

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