आरोपों की शुरुआती जांच करने वाले जस्टिस उपाध्याय को 6 पेज के स्पष्टीकरण में जस्टिस वर्मा ने कहा कि आग लगने वाली रात वहां मौजूद उनके स्टाफ ने ‘घटनास्थल पर कोई कैश नहीं देखा’.
घोस्ट वोटर्स मतदाता सूची में कैसे घुस जाते हैं? यह वाकई डरावना है. यह भी डरावना है कि केवल पश्चिम बंगाल में ही घोस्ट वोटर्स को राजनीतिक हथियार में बदल दिया गया है.
सीएम का यह बयान फरवरी में टीटीडी की कार्रवाई का समर्थन करता है, जब उसने 18 गैर-हिंदुओं को मंदिर में काम करने से रोक दिया था. टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी इस मामले को आगे बढ़ाया था.
शास्त्री की विरासत पर ताशकंत में हुए शांति समझौते, और उनके उस जानलेवा दौरे का साया अनुचित रूप से हावी हो जाता है, जबकि ‘हरित क्रांति’ और प्रतिभाशाली वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन की खोज उनकी यादगार विरासतों में शामिल हैं.