भ्रष्टाचार भारतीय समाज में मौजूद है और पनपता है क्योंकि इसे अक्सर सामाजिक रूप से स्वीकार किया जाता है और कुछ मामलों में इसे आकांक्षा के रूप में भी देखा जाता है.
2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव AIADMK के लिए चुनौती बने हुए हैं. अगर MGR के वफादारों की अध्यक्षता वाली ‘शांति समिति’ सफल नहीं होती है, तो एक और विभाजन हो सकता है.
इस तरह राजनीति के जातिकरण ने जातियों के राजनीतिकरण की प्रगतिशीलता को कुंद करके उसे सिर के बल खड़ा कर दिया है. फलस्वरूप बिहार पूरी तरह प्रतिगामी राजनीति और जातिगत संकीर्णता में फंसकर प्रगति के मार्ग से भटक गया है.
हर दिन कुछ नई निराशाजनक सुर्खियां सामने आती हैं: रेल दुर्घटना, ढहता हुआ हवाई अड्डा, परीक्षा पत्र घोटाला. भाजपा अब केवल शासन के आधार पर वोट नहीं मांग सकती.
10 दिसंबर 1998 को, हाजीपुर के तत्कालीन सांसद लोकसभा में कहा था, 'अगर हम 'अल्पसंख्यक' शब्द की सही व्याख्या करना सीख लें, तो हममें यह भावना विकसित हो जाएगी कि हम जिनके खिलाफ लड़ रहे हैं, उनका खून भी हमारे ही जैसा है.'
'बे ऑफ ब्लड' दर्शकों को अपनी तरफ खींचने वाली डॉक्यूमेंट्री है, लेकिन अधूरी है. यह 1971 की कहानी के पूर्वी पाकिस्तान के हिंदुओं की टारगेटेड हत्याओं जैसे एक महत्वपूर्ण पहलू को नज़रअंदाज़ करती है.
अगर हम इस्लामी संस्कृति के हिस्से के रूप में हाथ के प्रतीक पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, तो यह मध्य पूर्वी मुसलमानों के बीच मौजूद है और इसे हिब्रू में हम्सा और अरबी में खम्सा कहा जाता है.
इस बजट की कोई कमजोरी है तो यह कि वह कोई आर्थिक संदेश नहीं दे रहा है. आर्थिक सुधारों पर कोई बड़ा बयान नहीं; निजीकरण, विनिवेश का कोई जिक्र नहीं; न करों में कोई बड़ी छूट, प्रोत्साहनों और विनियमन को लेकर कोई कदम नही.