2020 में मैंने चेतावनी दी थी कि कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया व्यवस्थित तरीके से चलाई जाए ताकि वह एएफटी और सुप्रीम कोर्ट की वैधानिक जांच में टिक सके, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
यह पहला मौका है जब भाजपा ने विपक्ष के जवाब में अपना आजमाया हुआ और कामयाब चुनावी सुर बदल दिया है. यह जाति, और कभी निंदित की गई “रेवड़ी संस्कृति” के मुद्दों पर उसके रुख से स्पष्ट है.
राजस्थान में इक्का-दुक्का शायद ही कोई मिलेगा जो अशोक गहलोत की बुराई करता हो. बीजेपी के परंपरागत वोटर भी आपको पहले यही बतायेंगे कि `काम तो किया है` और इसके बाद उसी सुर में ये भी जोड़ते मिलेंगे कि `लेकिन राज्य में सरकार तो पलटेगी`.
कुछ लोग गोडसे का पुनर्वास करना चाहते हैं, उनकी छवि को हत्यारे से देशभक्त के रूप में पुनः स्थापित करना चाहते हैं. लेकिन द फादर एंड द असैसिन में नाटककार अनुपमा चंद्रशेखर उन्हें बचाना नहीं चाहतीं.
आईआईटी एलुमनाई का नेटवर्क अपने ब्राह्मण-केंद्रित दायरे को कब पार करेगा? ये प्रभावशाली आवाजें प्रचलित मानदंडों को कब चुनौती देंगी ताकि प्रत्येक छात्र बिना किसी पूर्वाग्रह के आगे बढ़ सके?
क्रिकेट मैच को भारतीय एक बड़े त्योहार की तरह मनाते हैं. आप वर्ल्ड कप फाइन मैच को देख लें. फाइनल मैच को ओटीटी पर 5.9 करोड़ लोग देख रहे थे जबकि स्टेडियम में 1.3 लाख दर्शक मौजूद थे.
बीजिंग यूरोप के साथ अपने संबंधों को स्थिर करने का प्रयास कर रहा है. यह चीन समर्थक यूरोपीय संसद सदस्यों की आवाज़ को बढ़ाने के राज्य नियंत्रित मीडिया के प्रयास में सामने आया है.