भारत अपने पूरब में स्थित आर्थिक शक्तियों से जुड़ना चाहता है तो उसे एक ऐसी ही दुनिया बनने की कल्पना करनी चाहिए जैसी दुनिया 19वीं सदी के कोलकाता की थी. वैश्विक भारत केवल नौकरशाही वाली व्यवस्थाओं से नहीं बनेगा, उसके लिए कल्पना की परियोजना की ज़रूरत होगी.
स्वॉर्म ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में सेना को विचार करना चाहिए. उनका इस्तेमाल धोखा देने, दुश्मन के रडारों या निगरानी यंत्रों पर बोझ डालने और उसे कीमती इंटरसेप्शन मिसाइलों को दागने पर मजबूर करने में किया जा सकता है.
ओवैसी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण करने में विफल रहे और इस नारे के साथ फिर से कोशिश कर रहे हैं. नूपुर शर्मा ने उनके झांसे में आ गईं, लेकिन उंगली उठाने से पहले उन्हें आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है.
कोलकाता की समस्याओं का समाधान नागरिक बुनियादी ढांचा, रोजगार, शिक्षा और आवास है, न कि केवल फुटपाथों को फेरीवालों से मुक्त करना. ममता टीएमसी के इतिहास से गलत सबक सीख रही हैं.
सीबीएसई के देश भर में 16 से ज़्यादा पूर्ण क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जिनमें स्थायी कर्मचारी काम करते हैं. ये क्षेत्रीय कार्यालय परीक्षा के हर पहलू पर नज़र रखते हैं, परिवहन से लेकर परीक्षा केंद्रों के चयन, संरक्षकों, निरीक्षकों और मूल्यांकन तक.
मोदी-शाह शासन के दौरान किनारे कर दिए गए लोग अब अपनी जगह बनाने और अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. और अभी तो यह शुरुआती दिन हैं. भाजपा को इन घटनाक्रमों का स्वागत करना चाहिए.
मोदी सरकार की तीसरी पारी में बदली हुई वास्तविकता उस पुराने सामान्य दौर की वापसी होगी, जब बहुमत वाली सरकारों को भी बेहिसाब बहुचर्चित बगावतों का बराबर सामना करना पड़ता था.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का चार्टर प्रवेश और भर्ती के लिए ‘उम्मीदवारों की योग्यता’ का आकलन करना है, लेकिन NEET और UGC-NET की आग ने इसकी खुद की योग्यता को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
अमेरिका भारत की चिंताओं को दूर करे और भारत पर उंगली उठाने से पहले उन उपदेशों पर खुद अमल करे जो वह दूसरों को देता है. रणनीतिक स्वायत्तता कई कारणों से भारत के हित में है