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Wednesday, 24 April, 2024
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सेना से रिटायर होने के बाद किसी सियासी दल में शामिल होना सेना का राजनीतिकरण नहीं बल्कि गर्व की बात

सेना के कई सेवानिवृत्त अधिकारी अपनी नेतृत्व क्षमता और अपने अनुभवों के बूते राजनीति के क्षेत्र में सफल हुए हैं. यह समाज और फौजी बिरादरी के लिए भी गर्व का विषय होना चाहिए

मैं 36 सालों तक IAS अधिकारी रहा, यह कभी निराशाजनक नहीं था; संजीव सान्याल ने सिविल सेवा को गलत तरीके से समझा

मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति को चुनौती दूंगा जो दावा करता है कि सिविल सेवाएं विकास और इनोवेशन के लिए अवसर प्रदान नहीं करती हैं.

क्यों ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ चुनाव के न्यूनतम पैमाने पर भी खरा उतरता नहीं दिख रहा 2024 का आम चुनाव

हम एक ऐसी विकट स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं जब चुनाव तो नियमित अंतराल पर होंगे, लेकिन उसमें वोटिंग मशीन का बटन दबाने को छोड़ कर और कुछ भी मुक्त नहीं होगा और वोटों की गिनती को छोड़कर और कुछ भी निष्पक्ष नहीं होगा.

भक्ति काल से बाबू मंगूराम तक, कहां गया जाति-विरोधी इतिहास? यह केवल जुमलों तक ही सीमित रह गया है

राजनीतिक हेरफेर जाति-विरोधी आंदोलनों के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक जटिलताओं के साथ इस तरह से छेड़छाड़ की जो कि उन्हें राजनीतिक लाभ दे सके.

भारतीय साड़ी को लेकर ‘इंडिया आउट’ अभियान से जूझ रहीं शेख हसीना, पर क्या उन्होंने इसे और भी बदतर बना दिया है?

हसीना निःसंदेह पड़ोस में भारत की सबसे अच्छी दोस्त हैं. लेकिन चीन की गहरी जेब और ढाका में बड़े निवेश की बराबरी करना दिल्ली के लिए कठिन है.

मोदी और 600 वकील न्यायपालिका की ‘रक्षा’ के लिए एकजुट, लेकिन धमकी कौन दे रहा है? ज़रा गौर कीजिए

‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ के बारे में मोदी का ज़िक्र हमें 1970 वाले दशक में ले जाता है जब इंदिरा गांधी की सरकार ने मुख्य न्यायाधीश के पद पर वरिष्ठतम जज को नियुक्त करने की मान्य परंपरा का दो बार उल्लंघन किया था.

जापान द्वारा 17 साल पुरानी सकारात्मक ब्याज दर नीति फिर से अपनाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है

इस बीच, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन संकेत दिया है कि वे इस साल दरों में कटौती शुरू करेंगे.

‘अबकी बार, 400 पार’ केवल नारा नहीं, मोदी को मिला तीसरा कार्यकाल तो, एजेंडे के लिए होगा महत्वपूर्ण

‘एक देश, एक चुनाव’ से लेकर परिसीमन और केजरीवाल के राजनीतिक खात्मे की योजना तक, मोदी-शाह के पास 2029 के चुनाव के लिए कईं एजेंडा है, लेकिन बहुत कुछ 2024 के चुनावों में भाजपा की संख्या पर निर्भर करेगा.

नैतिक रूप से भी केजरीवाल खुद को निर्दोष नहीं कह सकते, उनकी आबकारी नीति ने शराब के सेवन को बढ़ावा दिया

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार वाली आबकारी नीति बनाकर संविधान के नीति निदेशक तत्त्वों का का अपमान किया है.

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ ने खोली है RSS-BJP की वर्चस्ववादी राजनीति के प्रतिरोध की राह

इस यात्रा को भले ही ज़्यादा तवज्जो नहीं मिली, लेकिन इसने चुपचाप मोहब्बत की दुकान से एक कदम आगे बढ़कर अन्याय के शिकार अलग-अलग वर्गों के बीच दर्द का रिश्ता बना दिया जो भविष्य की राजनीति का आधार हो सकता है.

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राजीव चन्द्रशेखर आधुनिक हैं, उदारवादी हैं, लेकिन दुखद रूप से भाजपा के धर्मांध वफादार हैं

तिरुवनंतपुरम में राजीव चंद्रशेखर का मुकाबला शशि थरूर से है. वे खुद को एक ऐसे राज्य के लिए प्रचारित कर रहे हैं जिसने परंपरागत रूप से भाजपा के प्रति घृणा दिखाई है.

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प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप गैरजिम्मेदाराना ढंग से नहीं लगाया जा सकता : अदालत

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने के आरोप देशद्रोह के समान हैं...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.