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Thursday, 25 April, 2024
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कोरोनावायरस ने भारत को दो विकल्प दिए- शासन की शक्ति को बढ़ाएं या क्षमता

भारत में कोरोनोवायरस की महामारी एक लुंज-पुंज स्वास्थ्य प्रणाली की पृष्ठभूमि में फैल रही है. भारत आज जो विकल्प चुनता है, उसी से भविष्य में शासन और नागरिकों के संबंधों का निर्धारण होगा.

इस दुर्दिन में भी डाॅ. लोहिया के वारिसों को उनके बताये कर्तव्य पथ पर चलना गवारा नहीं

डाॅ. लोहिया का वारिस कहने वाली पार्टियां और नेता गहन वैचारिक निराशा से गुजरकर भी निराशा के उन कर्तव्यों को निभाने को तैयार नहीं हैं.

भगत सिंह की शहादत पर पेरियार और आंबेडकर ने क्या कहा था

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत के समय उस दौर के दो प्रसिद्ध बुद्धिजीवी और एक्टिविस्ट पेरियार और डॉ. आंबेडकर ने अपनी पत्रिकाओं में क्या लिखा, इसे जानना इनकी विचार प्रक्रिया को समझने में मददगार साबित होगा.

मोदी द्वारा सोशल मोबिलाइजेशन की दूसरी कोशिश है ‘जनता कर्फ्यू’, यह दोधारी तलवार भी साबित हो सकती है

सारा खेल रोकथाम पर निर्भर है, क्योंकि रोग अगर महामारी की तरह फ़ेल गया तो अपने अपर्याप्त मेडिकल संसाधन के चलते उससे निपटना बेहद मुश्किल हो जाएगा.

कोरोना के दौर में पत्रकारिता, यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी कहानी होगी

कोरोनावायरस हम पत्रकारों के जीवन की सबसे बड़ी कहानी है और एक अरब से ज्यादा लोग हमसे उम्मीद कर रहे हैं कि हम इस दौर में उनके लिए हालत पर नज़र रखें, खबरें देते रहें, सम्पादन का दायित्व निभाते रहें और नाइंसाफ़ियों तथा सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर करते रहें.

क्या पूर्व सीजेआई गोगोई पर हमला कर अप्रत्यक्ष रूप से अन्य न्यायाधीशों को निशाना बनाया जा रहा है

पूर्व न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली लगभग सभी पीठ में फैसले सर्वसम्मति से हुए या फिर पीठ के अन्य सदस्यों ने उनके निष्कर्ष से सहमति व्यक्त की है.

अखलाक और अकबर हों या पुलवामा व सुकमा के सैनिक, सरकार की मुआवज़ा नीति एक समान नहीं

कोई कह सकता है कि सैनिकों के परिवार किसानों के मुक़ाबले बेहतर मुआवजे के हकदार हैं क्योंकि किसान अपनी ‘ड्यूटी’ पर अपनी जान नहीं देते, लेकिन सफाई कर्मचारियों का क्या?

क्या भारत में भावनाओं की लहर पर सवार है समूची दलित राजनीति

समूचे बहुजन आंदोलन का ध्यान हंगामा करने के मकसद पर ज्यादा रहा. सूरत बदली कि नहीं इसपर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया.

कोरोनावायरस से जूझती दुनिया में पाकिस्तान इतनी तसल्ली से क्यों बैठा है

पाकिस्तान के एक मंत्री ने कोरोनावायरस को ख़ुदा का दंड बताया है. पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री उलेमाओं को मस्जिदों को बंद नहीं करने का भरोसा दिला रहे हैं. और राष्ट्रपति अल्वी अभी-अभी चीन होकर आए हैं.

क्या कोविड-19 जैविक हथियार है, क्या गर्म पानी, नीम इसका इलाज है- व्हाट्सएप पर वायरल 24 दावों की पड़ताल

कोविड-19 को लेकर गलत जानकारियां हमारे फोन और संचार माध्यमों में बिजली की गति से फैल रही हैं, इतनी तेज़ी से जिससे यह वायरस भी नहीं फैल सकता. इसे हम सूझ-बूझ के साथ कैसे निपट सकते हैं.

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राजीव चन्द्रशेखर आधुनिक हैं, उदारवादी हैं, लेकिन दुखद रूप से भाजपा के धर्मांध वफादार हैं

तिरुवनंतपुरम में राजीव चंद्रशेखर का मुकाबला शशि थरूर से है. वे खुद को एक ऐसे राज्य के लिए प्रचारित कर रहे हैं जिसने परंपरागत रूप से भाजपा के प्रति घृणा दिखाई है.

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राजनीति

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मुख्य सचिव बतायें, किस कानूनी प्रावधान के तहत महापौर चुनाव मामले में सरकार की अनदेखी की : भारद्वाज

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल सीधे...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.