राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार, लगभग 150 मिलियन भारतीय किसी न किसी प्रकार की मानसिक बीमारी से प्रभावित हैं. समिति का कहना है कि देश में लगभग 9,000 मनोचिकित्सक हैं.
पिछले हफ्ते 'अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन' में प्रकाशित अपनी तरह का पहला अध्ययन था, जिसे इटेलियन शोधकर्ताओं द्वारा 1,000 से अधिक प्रतिभागियों के बीच आयोजित किया गया था.
डॉक्टरों ने कहा कि यह दवा, जो भारत में गोली और अन्य देशों में इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है. इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं लेकिन वे आमतौर पर मामूली और कुछ समय के लिए ही होते हैं.
एक्जिमा, सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे जैसी त्वचा की बीमारी और स्ट्रेस जैसे अन्य कारण आपकी डैंड्रफ की समस्या को बढ़ा सकते हैं, जिससे निपटना और भी मुश्किल हो जाता है.
सरकार का कहना है कि लोकसभा द्वारा पारित विधेयक का उद्देश्य छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करना और व्यापार को बढ़ावा देना है. इसमें औषधि अधिनियम की धारा 27डी को 'शमनयोग्य' बनाने के लिए संशोधन का प्रस्ताव है.
इस सप्ताह पेश किए गए विधेयक में एनएमसी की तर्ज पर एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग स्थापित करने का प्रावधान किया गया. जिसका उद्देश्यों में दंत चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और सामर्थ्य को बढ़ाना है.
कंजंक्टिवाइटिस के बढ़ते संक्रमण ने स्वास्थ्य अधिकारियों और जनता के बीच चिंता बढ़ा दी है. अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 80-100 मामले देखे जा रहे हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 10-20 थी.
इस विधेयक को संसद में पेश किए जाने से पहले कैबिनेट में पेश किए जाने की संभावना है, विधेयक के नवीनतम संस्करण का उद्देश्य डॉक्टरी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को विनियमित और प्रतिबंधित करना है.
फोल्कोडाइन का उपयोग सूखी खांसी के इलाज के लिए किया जाता है. WHO ने उन लोगों में एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाओं का पता लगाया था जिन्होंने सर्जरी से कम से कम 12 महीने पहले फोल्कोडाइन वाली दवाई ली थी.
चुनाव मंत्री – माफ कीजिएगा, प्रधानमंत्री सच्चाई से वाबस्ता करना पसंद नहीं करते. उन्हें बॉलीवुड की कल्पनाएं, भ्रम के बुलबुले और साफ-सुथरे माहौल में सज धज कर फोटो खिंचवाना पसंद है.