scorecardresearch
Wednesday, 26 February, 2025
होमफीचर

फीचर

‘किस पर भरोसा करें?’ – सेना और सशस्त्र प्रतिरोध के बीच फंसे हैं म्यांमार के सीमावर्ती कस्बों के लोग

सैन्य ठिकानों पर प्रतिरोध समूहों के लगातार हमलों ने नागरिकों को भारत भागने के लिए मजबूर कर दिया. जो रुके, वे नहीं जानते कि किसके साथ जाएं और जो चले गए, वे नहीं जानते कि कब लौटेंगे.

खुफ़िया से लेकर कड़क सिंह तक, बांग्लादेशी अभिनेताओं के लिए तैयार हो रहा है भारत

कई बांग्लादेशी अभिनेताओं के लिए, पश्चिम बंगाल के फिल्म उद्योग टॉलीवुड से बॉलीवुड में काम करना एक स्वाभाविक प्रगति जैसा है.

कुछ भी ‘कैज़ुअल’ नहीं – UPSC का मॉक इंटरव्यू लेते-लेते कैसे सोशल मीडिया सनसनी बन गए विजेंदर चौहान

चौहान पर बने मीम्स वायरल होने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई. अब वह रेस्तरां में नहीं जा सकते क्योंकि लोग आकर उनसे बात करना चाहते हैं उनके साथ तस्वीरें खिंचवाना चाहते हैं.

रैट माइनिंग का राजा और हिमालय के इन नायकों के पास नहीं होता है कोई बीमा, सुरक्षा के उपकरण और समाज में इज्जत

रैट माइनर्स उन जगहों में जमीन के भीतर, सीवर और गैस और पानी की पाइपलाइन बिछाने में मदद करते हैं जहां मशीनें नहीं जा सकतीं. लेकिन कंस्ट्रक्शन इकॉसिस्टम में, वे पिरामिड के निचले स्तर पर होते हैं.

‘आज भारत में लोकप्रियता संदिग्ध है’ : अशोक वाजपेयी ने नेहरू पर लेक्चर के दौरान मोदी को क्यों घेरा

कवि अशोक वाजपेयी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि आज के पूजित नेता (मोदी) के सामने नेहरू नित्य निंदित हैं.

कैसे फ़िल्म ‘कड़क सिंह’ के डायरेक्टर अनिरुद्ध रॉय चौधरी बंगाली सिनेमा को बंगाल से आगे ले जा रहे हैं

बॉलीवुड में अपनी सफलता के बावजूद रॉय चौधरी ने कोलकाता या वहां के सिनेमा को पीछे नहीं छोड़ा है. यह उनकी कला, उनकी कहानियों को बताता है.

छज्जू बनाम छिप्पी गैंग: दशकों पुराना हरियाणा का क्राइम ड्रामा जो खत्म होने का नहीं ले रहा नाम

करीब 30 साल पहले हरियाणा में शराबबंदी, पंचायत कब्जे और जमीन पर कब्जे जैसी घटनाओं से उभरा एक खूंखार जाट गिरोह इस महीने फिर से उभर आया है.

मुस्लिम राजनीति, धर्म से आरक्षण की ओर शिफ्ट हो रही है. यह सब मोदी की पसमांदा पहुंच के कारण है

मुसलमान - पसमांदा और उच्च 'जाति' दोनों - राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक प्रतिनिधित्व, विश्वविद्यालयों में सीटें और सरकारी नौकरी कोटा चाहते हैं. लेकिन इसे कैसे प्राप्त किया जाए, इस पर उनके अलग-अलग विचार हैं.

‘तुम्हारा रेट क्या है’ – पूर्वोत्तर की महिलाओं की स्थिति दिल्ली में अभी भी खराब, 9 साल में कुछ नहीं बदला

ओल्ड गुप्ता कॉलोनी में शुक्रवार रात एक बर्थडे पार्टी डरावनी कहानी में बदल गई. पुरुषों ने पूर्वोत्तर की महिलाओं को गालियां दी और अपमानजनक टिप्पणियां कीं.

इंदौर के सिंधी, जैन, यादव और मुस्लिम समुदाय अदालतों की बजाए मध्यस्थता केंद्रों पर कर रहे भरोसा

हमें उम्मीद नहीं थी कि जून में सेंटर खुलने के बाद इतनी जल्दी इतने मामले आने लगेंगे. सिंधी मध्यस्थता केंद्र प्रमुख का कहना है कि हमने 56 मामलों में से 12 का निपटारा कर दिया है.

मत-विमत

नक्सली भी भारतीय नागरिक हैं, क्रूर बल प्रयोग समस्या का हल नहीं

मुझे विश्वास है कि संवेदनशीलता से कदम उठाया जाए तो अच्छी तादाद में नक्सल लड़ाके अंडरग्राउंड ज़िंदगी छोड़ देंगे और राष्ट्र की मुख्यधारा में आ जाएंगे. आखिर हम किन्हें मार रहे हैं? वह तो हमारे ही नागरिक हैं.

वीडियो

राजनीति

देश

बिहार के बेगूसराय में बस और टैंकर की टक्कर में तीन लोगों की मौत, 15 घायल

बेगूसराय (बिहार), 25 फरवरी (भाषा) बिहार के बेगूसराय जिले में मंगलवार को एक बस और दूध टैंकर की टक्कर होने से कम से...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.