इस साल जिन नौ राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें से मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में 85% से अधिक जनजातीय आबादी है, जबकि दो, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में 30% से अधिक है.
वित्त मंत्री ने कहा, बजट 2023 की सात प्राथमिकताओं में बुनियादी ढांचा, हरित विकास, वित्तीय क्षेत्र और युवा शक्ति के अलावा समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंच और अपनी क्षमता को विकसित करना हैं.
वित्तमंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘सरकार साल 2014 से ही सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है. लोगों की आय दोगुनी बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है.'
हर बार के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की साड़ी भी चर्चा का केंद्र बना रहता है. साल 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने डार्क पिंक रंग की साड़ी पहनी थी जिसपर गोल्डन बॉर्डर बना हुआ था.
सीतारमण अपना पांचवां बजट ऐसे समय में पेश करने वाली हैं, जब अर्थव्यवस्था के सामने वैश्विक आघातों से निपटने और घरेलू जरूरतों को पूरा करने की मुश्किल चुनौती है.
सबसे कम विकसित 117 जिलों में जीवन स्तर में सुधार के लिए 2018 में शुरू किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन के परिणाम कई गैर-आकांक्षी जिलों की तुलना में बेहतर हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृतकाल के पहले बजट के भाषण में निर्मला सीतारमण ने युवाओं, महिलाओं, और विद्यार्थियों का विशेष ध्यान रखा है. बजट 2023 के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाओं में, छात्रों के लिए लाइब्रेरी, युवाओं के लिए कौशल विकास और महिलाओं के लिए बचत पत्र जैसी घोषणाएं की गईं.
एक राष्ट्र, एक चुनाव के आलोचक मतदाताओं की थकान के बारे में नहीं सोच रहे हैं. जब चुनाव कई बार और लगातार होते हैं, तो शिक्षित मतदाता भी उन्हें एक अतिरिक्त छुट्टी के रूप में देखता है.
नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) बिहार के कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के सांसदों ने बुधवार को...