पूंजीगत बजट 1.52 लाख करोड़ से बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. बजट में नेवी और आर्मी के लिए पर्याप्त वृद्धि देखी जा रही है लेकिन विमान, एयरो इंजन की खरीद के लिए आवंटन कम हो गया है.
बाहरी देशों और परियोजनाओं की विकास सहायता के लिए MEA के खर्च का कुल अनुमान वित्त वर्ष 23 में 6,750 करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत गिरकर 5,848.58 रुपये (बजट अनुमान) हो गया है.
शिक्षा मंत्रालय को 1,12,899.47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. यह 2022 की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है. वित्त मंत्री ने तीन साल में युवाओं को कौशल प्रदान करने के वास्ते पीएमकेवीवाई 4.0 लॉन्च करने की घोषणा की है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए इस बार कुल आवंटन 89,155 करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले साल के 86,200 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 0.34% अधिक है.
सीतारमण अपना पांचवां बजट ऐसे समय में पेश करने वाली हैं, जब अर्थव्यवस्था के सामने वैश्विक आघातों से निपटने और घरेलू जरूरतों को पूरा करने की मुश्किल चुनौती है.
सबसे कम विकसित 117 जिलों में जीवन स्तर में सुधार के लिए 2018 में शुरू किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन के परिणाम कई गैर-आकांक्षी जिलों की तुलना में बेहतर हैं.
प्री-प्राइमरी को छोड़कर सभी स्तरों पर स्कूलों में एनरोलमेंट में सुधार हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में देश के 40% स्कूलों में इंटरनेट और 89.3% स्कूलों में बिजली थी.
आंकड़ों से पता चलता है कि राज्यों ने पूंजी परिव्यय के लिए कुल 7 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक का बजट रखा था, नवंबर 2022 तक केवल 2.58 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. आंध्र प्रदेश बड़े राज्यों में सबसे निचले स्थान पर था.
अधिकारियों का कहना है कि बजट आवंटन में वार्षिक 'मामूली वृद्धि' वेतन और भत्तों में चली जाती है. इसके बाद विकास और आधुनिकीकरण के लिए बहुत कम पैसा बचता है.
धुर दक्षिणपंथ आधुनिक काल से पहले जो भी मुस्लिम शासक, गुरु-शिक्षक, भक्त-श्रद्धालु भारत आए उनका कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है, भले ही आधुनिक काल से पहले के हिंदुओं ने उन्हें स्वीकार किया हो और यहां तक कि उन्हें पूजा हो.