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रविवार, 20 अप्रैल, 2025
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राजनीति

कैसे अरुण जेटली ने मोदी को समलैंगिकता पर रूख नर्म करने के लिए किया राज़ी

अरुण जेटली पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी के विपरीत धारा 377 को ख़त्म करने के लिए बयान देते रहे हैं शुक्रवार को होनेवाली बहस...

एक तनख्वाह के पीछे आज़ादी को गिरवी नहीं रख सकता: ट्वीट से जांच में फंसे आईएएस अधिकारी के बयान

ट्विटर के नामी टिप्पणीकार, शाह फैसल ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जोकि सरकारी नौकरी के सेवा नियमों से जुड़ी है

विपक्षी एकता बनाने से पहले खुद के परिवार की एकता बना लें लालू

परस्पर-विरोधी भाईयों तेज प्रताप और तेजस्वी ने पिछले हफ्ते आपसी मतभेद की अटकलों को ख़ारिज करने का प्रयास किया लेकिन लालू के परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है

बिहार की राजनीति में धमाकेदार एंट्री करने को तैयार हैं ऐश्वर्या राय

राजद ने अभी तक घोषणा नहीं की है लेकिन पोस्टरों पर तेज प्रताप यादव की पत्नी की तस्वीर अफवाहों को हवा दे रही हैं

महागठबंधन के बिना भी काँटों भरी हो सकती है 2019 में भाजपा की राह: 2014 चुनावों का डेटा

विश्लेषणों से पता चलता है कि यदि कांग्रेस, सपा, बसपा, रालोद, जेएमएम, जेवीएम और जदयू पार्टियाँ एक साथ चुनाव लड़तीं तो भाजपा 2014 में 64 लोकसभा सीटें खो देती। 

नक्सलवाद, घना जंगल और तरह-तरह के आरोप – झारखण्ड गैंगरेप मामलों की धुंधली कहानियां

पुलिस को शक है कि पत्थलगड़ी आंदोलन समर्थक नक्सलियों से जुड़े हुए हैं। कार्यकर्ता कहते हैं कि स्वराज्य के लिए आन्दोलन को बदनाम करने के लिए पुलिस साज़िश रच रही है

पेचकस से भोंका, दराती से कुरेदा : उत्तरप्रदेश में कैसे एक मुस्लिम व्यापारी की भीड़ ने की हत्या

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि कासिम को 18 गंभीर चोटें आयीं थीं – उनकी पसलियों को तोड़ दिया गया था और उनके कंधे, घुटने और सिर पर काटे जाने के गहरे घाव थे

हाँ, श्रीमान जेटली जी, इंदिरा का आपातकाल शर्म की बात थी, लेकिन हिटलर से उनकी तुलना तो और भी शर्मनाक है

हिटलर के द्वारा किया गया नरसंहार और आपातकाल के बीच की गई समानता द्वितीय विश्व युद्ध के पीड़ितों के दर्द को नीचा दिखाती है

नाटकीय ब्रेक-अप के एक साल बाद, फिर लालू संग जुड़ना चाहते हैं नीतीश कुमार

सूत्रों का कहना है कि नितीश के गुप्तचर लालू प्रसाद, कांग्रेस और शरद यादव के पास जा चुके हैं। लेकिन तेजस्वी यादव एक और गठजोड़ के लिए उत्सुक नहीं हैं

सरदार पटेल की बदौलत आज कश्मीर पाकिस्तान में होता यदि नेहरू ने रोका न होता: सोज़

सोज़ ने शेखर गुप्ता को बताया कि, श्रीनगर में भारतीय सैनिकों के पहुँचने के दिन माउंटबेटन ने पटेल का प्रस्ताव लाहौर पहुँचाया। लियाक़त अली, 'जो न तो इतिहास समझते थे न भूगोल', ने इससे इंकार कर दिया।

मत-विमत

मुझे एएस दुलत के लिए बुरा लग रहा है—उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से दोस्ती पर किताब लिखी, मिली बेरुखी

दुलत जब आईबी में थे, तब उन्होंने कश्मीर में काम किया था और फारूक अब्दुल्ला के साथ उनके करीबी संबंध थे. तब से दिल्ली ने गुप्त वार्ता के लिए उनका इस्तेमाल किया है.

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राजनीति

देश

उप्र सरकार मार्च 2027 तक छतों पर आठ लाख सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगी

लखनऊ, 20 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत मार्च 2027 तक राज्य में छतों पर कुल आठ...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.