कुछ घंटे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया था कि पार्टी के 78 विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व को लिखे पत्र में सिंह को हटाने की मांग की थी और उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री पद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नहीं हटाया.
ये सिर्फ मोदी सरकार के तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन ही नहीं है, जिसने पार्टी का खेल बिगाड़ दिया है. जमीनी स्तर पर लोग खट्टर को शासन में अप्रभावी मानते हैं.
विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले उत्तर प्रदेश में इन दो प्रमुख ब्राह्मण चेहरों के कांग्रेस छोड़ने और अन्य कई नेताओं के बाहर जाने से कांग्रेस पार्टी अब अपनी किलेबंदी मजबूत करने में जुट गई है. वाद्रा ने उत्तर प्रदेश के दौरों की रफ्तार भी बढ़ा दी है.
‘एक देश, एक चुनाव’ से लेकर परिसीमन और केजरीवाल के राजनीतिक खात्मे की योजना तक, मोदी-शाह के पास 2029 के चुनाव के लिए कईं एजेंडा है, लेकिन बहुत कुछ 2024 के चुनावों में भाजपा की संख्या पर निर्भर करेगा.