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Thursday, 9 May, 2024
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बीजेपी को मिली पार्टी की अपनी टोपी: गुजरात में बनी उत्तराखंड शैली की भगवा टोपी होगी नई ‘यूनिफॉर्म’

बुधवार को स्थापना दिवस कार्यक्रम में, सभी सांसदों को भाजपा के नाम, रंग और कमल के निशान वाली कस्टम-डिज़ाइन की गई नई टोपी पहन कर आने के लिए कहा गया था. पार्टी समारोहों के लिए इसे ‘एक पहचान’ बनाने की योजना है.

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नई दिल्ली: टोपी ही सब कुछ है. इस बारे में जरा अरविंद केजरीवाल से पूछिए- जब आम आदमी पार्टी (आप) ने 2018 में दिल्ली विधानसभा सत्र में पार्टी की टोपी पहनी थी – तब विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ये कैसे एक बड़ा मसला बन गई थी और उन्होंने इस मुद्दे को अध्यक्ष के साथ उठाया था या समाजवादी पार्टी (सपा) से, जिन्होंने पिछले महीने के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘लाल टोपी वाले’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए उसे ‘क्रांतिकारी लाल टोपी’ के रूप में पहचान दी थी.

या फिर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से, जिनकी गांधी टोपी ही उनकी पहचान बन गई थी.

टोपी के साथ पहचान इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि भाजपा भी अब इस राह पर चलने के लिए तैयार हो गई है. उसने अपने सभी आधिकारिक कार्यों के लिए एक नया कैप कोड तैयार कर लिया हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की इस नई टोपी – पार्टी के रंगों और प्रतीकों के साथ उत्तराखंडी शैली में बनाई गई- की अधिकारिक शुरुआत बुधवार को संसद भवन एनेक्सी में पार्टी के 42वें स्थापना दिवस समारोह में की गई. पार्टी के सभी सांसदों को इसे पहनकर आने के लिए कहा गया था.

यह वही टोपी थी जो प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने अहमदाबाद रोड शो में चार राज्यों – उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में पार्टी की चुनावी जीत का जश्न मनाने के लिए पहनी थी.

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स्थापना दिवस समारोह में पार्टी की नई टोपियां पहनकर शामिल हुए भाजपा नेता | फोटो: प्रवीण जैन

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘सभी सांसदों और मंत्रियों को टोपियां बांटी गईं थीं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘सांसदों को पोषक शक्ति बढ़ाने वाली चॉकलेट भी दी गई, जिसके रैपर पर पीएम मोदी की एक तस्वीर छपी थी. यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी सांसद एक जैसी टोपी पहनें, इसके लिए खासतौर पर डिजाइन तैयार करवाया गया और सभी कार्यकर्ताओं और सांसदों के बीच बांटा गया था.’

कुछ सांसद मंगलवार को दिल्ली में भाजपा की संसदीय दल की बैठक में भी यह टोपी पहने नजर आए थे.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसे गुजरात के सूरत में डिजाइन और तैयार किया गया है.

नेता ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान इसी तरह की टोपी पहनी थी. इन्हें राज्य विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड से गुजरात लेकर आया गया था.’


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टोपी का डिजाइन

पार्टी के अनुरूप मूल डिजाइन में बदलाव करते हुए टोपी को ‘बीजेपी’ लिखे शब्दों के साथ भगवा रंग का बनाया गया है. हालांकि उत्तराखंड की टोपी की खासियत मानी जाने वाली आड़ी रेखा को इसमें बरकरार रखा गया है.

पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि टोपी पर पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल सामने की तरफ बना है. यह एक दुर्लभ हिमालयी फूल ‘ब्रह्म कमल’ है जो उत्तराखंड राज्य का प्रतीक है.

स्थापना दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद तालियां बजाते भाजपा सांसद | फोटो: प्रवीण जैन

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि यह एक ड्रेस कोड के रूप में काम करेगी.

उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई पार्टी समारोह या कोई कार्यक्रम होगा, तो हर कोई इसे पहनेगा.’ साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी ने इससे पहले कभी भी एक जैसी दिखने वाली टोपी को डिजाइन नहीं करवाया था.

वह कहते है, ‘कुछ लोग भगवा टोपी पहनते थे जिस पर ‘बीजेपी’ लिखा होता था, जबकि कुछ कमल के निशान वाली टोपी पहनते थे. अब ये टोपी हमारी पहचान की तरह काम करेगी.’

पार्टी के सूत्र गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को इसका श्रेय देते हैं ,जिन्होंने 11 मार्च को अपने गृह राज्य में मोदी की यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर इन्हें तैयार करवाया और लोकप्रिय बना दिया. अहमदाबाद रोड शो में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी टोपी पहने नजर आए थे.

सूत्रों का कहना है कि और टोपी तैयार करने के ऑर्डर दिए जा चुके हैं.

गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यक्रमों के लिए पहले से ही इन नई टोपियों को पहनना शुरू कर दिया है.

गांधीनगर बीजेपी के जिला अध्यक्ष हर्षद पटेल ने दिप्रिंट को बताया, ‘ एक समान टोपी डिजाइन करने के की वजह पहचान को सुनिश्चित करना है. अगर कोई पार्टी कार्यकर्ता लोगों की भीड़ में खड़ा है, तो भी उसे आसानी से पहचाना जा सकता है. हम एक ऐसा डिज़ाइन चाहते थे जो ट्रेंडी होने के साथ-साथ पारंपरिक भी हो और अगली पीढ़ी के साथ भी काम करें.’

हालांकि, पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि स्थापना दिवस के दौरान सांसदों को टोपी पहनने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक सभी पार्टी समारोहों में इसे पहनने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है.

नेता ने कहा, ‘पार्टी की तरफ से औपचारिक रूप से ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है कि इस तरह के डिजाइन वाली टोपी को पहनना ही होगा. लोग चाहें तो इसे पहन सकते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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