यह नहीं कहा जा सकता कि अयोध्या में 25 नवंबर को जो कुछ हुआ, वह साधु-संतों का स्वतःस्फूर्त प्रयास था क्योंकि धर्मसभा के लिए भीड़ जुटाने में भाजपा नेता भी पूरी तरह सक्रिय थे.
एक दशक से भारत के सबसे अधिक कृषि विकास दर करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को आराम से बैठा होना चाहिए था. लेकिन वे संघर्ष कर रहें हैं क्योंकि हमारी कृषि अर्थव्यवस्था और राजनीति में खोट है.
कश्मीर में जो सामान्य स्थिति बहाल हुई है उसे, मुनीर के मुताबिक, उलटना जरूरी था. पहलगाम कांड की तैयारी उनके भाषण और इस हमले के बीच के एक सप्ताह में तो नहीं ही की गई, इसमें कई महीने नहीं तो कई सप्ताह जरूर लगे होंगे.