कार्नेगी इंडिया को स्टेकहोल्डर्स से जो फीडबैक मिला है उससे भी पता चलता है कि अमेरिकी कंपनियों या अमेरिकी सप्लायर्स पर निर्भर कंपनियों द्वारा लगाई गई बोलियों को सीधे खारिज़ किया जा सकता है क्योंकि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की रुकावटों को लेकर चिंताएं पहले से हैं.
अंतरिक्ष एजेंसी ने दूसरी पीढ़ी की नौवहन उपग्रह श्रृंखला के प्रक्षेपण की योजना बनाई है जो नाविक (जीपीएस की तरह भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगी.