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Saturday, 20 April, 2024

ब्लॉग

अगर कनाडा के नागरिक अक्षय कुमार भारतीय हैं तो सोनिया गांधी क्यों नहीं

जो लोग सोनिया गांधी पर निजी हमले उनके विदेश में पैदा होने की वजह से करते हैं. वही लोग अक्सर सिर्फ विदेशों की नागरिकता हासिल किए भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं.

बॉलीवुड वालों सिंहासन खाली करो कि ‘बैकबेंचर्स’ आते हैं

बॉलीवुड के 'बैकबेंचर्स', जिन्हें अक्सर साइड रोल्स के लिए याद और सेलिब्रेट किया जाता है, सोशल मीडिया पर खानों की प्रसिद्धि को ध्वस्त कर रहे हैं.

अगर रविंद्र जडेजा का बल्ला राजपूताना है तो क्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बैट तैमूरी हैं

आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर जडेजा की क्लिप को एक लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा जाना इस बात को दर्शाता है कि हम आंबेडकर के जातिविहीन समाज के सपने से बहुत दूर खड़े हैं.

भारत में कोरोनावायरस के युग में दबंग पुलिस कैसे हर दिल अज़ीज़ बन गई

जब पुलिस गरीबों की मदद नहीं कर रही होती है या यूपी पुलिस की तरह मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए चलाई गई फेक खबरों का खंडन नहीं कर रही होती तो वो ग्राउंड पर गानें गाती हुई दिखाई देती है.

कोरोनावायरस ने बता दिया कि देश में पप्पू कौन है- हाशिए पर खड़ा आदमी

21 दिनों के बाद एक नया हिंदुस्तान नजर आएगा. एक तरफ कालिदास और वराहमिहिर की औलादें होंगी, दूसरी तरफ लाइफ क्रूसेड में बच गये लोग.

राहुल और सिंधिया से महज 6 साल ही तो बड़े हैं अमित शाह पर कोई उन्हें युवा नेता क्यों नहीं कहता

भारतीय राजनीतिक में सियासी परिवारों की विरासत देखकर लगता है कि यहां इन परिवारों से संबंध रखने वाले नेता ही युवा कहला सकते हैं, फिर वो चाहे 40 साल के हों या फिर 50 के.

हथियार से ज्यादा खतरनाक हैं भड़काऊ भाषण, ये काल्पनिक दुश्मन खड़ा कर देते हैं

दिल्ली दंगों के दौरान तमाम ऐसी कहानियां आईं जिनमें हिंदुओं ने मुसलमानों को बचाया और मुसलमानों ने हिंदुओं को बचाया.

भारत बन गया विश्वगुरू, ट्रंप को लगा दी जॉर्ज पंचम की आंख

मरी हुई यमुना में शुद्ध जल बहने लगा है और गरीबी को एक दीवार में चुन दिया गया है. एक सप्ताह के अंदर इतिहास, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज पर ऐसा नियंत्रण किसी देश ने किया होगा क्या?

दिल्ली चुनाव में ‘वोक फेमिनिज़्म’ का शिकार हुईं राजनीतिक पार्टियां

चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने महिला मुद्दों को लेकर संवेदनशील पार्टी की छवि पेश करने की कोशिशें की थीं. चाहे बात मेट्रो में महिलाओं की फ्री यात्रा के प्रस्ताव की हो या फिर बसों में महिलाओं का किराया माफ करने की.

‘अंकल कम्युनलिज़्म’ का शिकार हो रहे युवा, क्या होगा 20 साल बाद

आज से 7-8 साल पहले तक भारत का युवा तकनीक में आगे बढ़ने के सपने देखा करता था, अब वो गोबर और गोमूत्र के सहारे विश्वगुरू बनने के सपने देख रहा है.

मत-विमत

‘मोदी के जादू की मियाद पूरी हो गई’ यह मानने वाले भी कहते हैं कि ‘आयेगा तो मोदी ही’

मोदी की मौजूदगी बाकी तमाम मुद्दों को एक किनारे सरका कर लोगों के दिमाग पर छा जाने के मामले में अब नाकाफी है. साधारण राजनीति वापिस आ रही है और लंबे वक्त से दबे चले आ रहे मुद्दे अब सिर उठा रहे हैं.

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राजनीति

देश

भगवान शिव का मज़ाक उड़ाने वाले व्यक्ति की याचिका खारिज

प्रयागराज, 19 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर भगवान शिव का मज़ाक उड़ाने वाले ओवैस खान नामक व्यक्ति की याचिका शुक्रवार...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.