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Wednesday, 27 November, 2024
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समाज-संस्कृति

जल, जमीन, जंगल का संघर्ष ‘स्प्रिंग थंडर’ में

यह फिल्म अपने संघर्ष के लिए देखे जाने लायक है. संघर्ष जो सामने पर्दे पर दिखता है और संघर्ष जो इसे बनाने के लिए इसकी टीम ने किया.

नेहा राठौड़ ‘कम आत्मविश्वासी’ कवयित्री ने भोजपुरी रैप के ज़रिए कैसे शुरू किए सत्ता के सामने सच्चाई के गीत

नेहा सिंह राठौड़ ‘UP में क्या बा?’ के साथ अचानक प्रसिद्धि पा गईं, जिसमें योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की गई है. संगीत के अपने अनोखे सफर के बारे में उन्होंने दिप्रिंट के साथ बात की.

शमिता शेट्टी, करण कुंद्रा को हराने वाली कलर्स की बहू बिग बॉस-15 तेजस्वी प्रकाश से क्यों नाराज हैं फैंस

निशांत भट्ट 10 लाख रुपए का ब्रीफकेस लेकर शो से बाहर हुए. इसके बाद शमिता शेट्टी एलिमिनेट हुई. आखिर में करण कुंद्रा एलिमिनेट हुए.

‘नए राष्ट्रवाद’ पर हामिद अंसारी का भाषण, UP में नेताओं का दलबदल और गणतंत्र दिवस परेड- उर्दू प्रेस की झलकियां

दिप्रिंट के राउंड-अप में जानें उर्दू मीडिया ने इस सप्ताह की विभिन्न घटनाओं को कैसे कवर किया और उनमें से कुछ पर उनका संपादकीय रुख क्या रहा.

सीता दोराईस्वामी जिन्होंने 60 के दशक में जलतरंगम परंपरा को खत्म होने से बचाए रखा

41 साल की उम्र में ऑल इंडिया रेडियो में जलतरंगम कलाकार बन गईं, अपने पहले प्रदर्शन के साथ उनकी खूब प्रशंसा की गई.

बधाई दो में एक ‘लैवेंडर मैरिज’ दिखाई गई है, धारा- 377 के बाद भारत में LGBT+ की लड़ाई को ठेस पहुंचाती है

राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर स्टारर 'बधाई दो' में एक गे को एक लेस्बीअन से शादी करते हुए दिखाया गया है ताकि उनका परिवार उनकी पीठ थपथपा सके

महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली रमाबाई रानाडे को क्यों भुला दिया गया

19वीं सदी में रमाबाई रानाडे ने सामाजिक सुधार का जो रास्ता दिखाया गया, वो काबिले-गौर है और पीछे मुड़कर उसे देखने-समझने की जरूरत है.

राष्ट्रीय बालिका दिवस: वो लड़कियां जिन्होंने तोड़ दी रूढ़ीवादी सोच, बनी गांव की प्रेरणास्रोत

इन 4 प्रेरक लड़कियों की कहानियों से प्रेरित होकर ग्रामीण पंजाब और हरियाणा की लड़कियां समाज में बदलाव लाने की आकांक्षा के साथ शिक्षित होने के लिए आगे आ रही हैं.

‘मुस्लिमों से नफरत’, अपर्णा यादव का BJP में शामिल होना’ और मोदी का WEF में भाषण- इस हफ्ते उर्दू प्रेस की खबरें

दिप्रिंट का इस बारे में राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ पर उनके संपादकीय में क्या रुख अख्तियार किए गए.

सुभाष घई की ऊंची दुकान का फीका पकवान है ‘36 फार्म हाउस’

जी-5 पर रिलीज हुई इस फिल्म के गाने बहुत कमजोर लिखे गए और उनकी धुनें भी उतनी ही कमजोर बनाई गईं. सच तो यह है कि सुभाष घई ने यह फिल्म बना कर खुद अपने ही नाम पर बट्टा लगाया है.

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छात्र संघ की जगह युवा संसद के गठन पर विचार करें विश्वविद्यालय : योगी आदित्यनाथ

प्रयागराज, 27 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में अच्छे और पढ़े लिखे युवाओं के आने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.