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Saturday, 27 April, 2024
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नव-प्रगतिशील सेक्युलर लोगों से पूछा जाना चाहिए कि तबलीगी जमात का मतलब मुसलमान कैसे हो गया

तबलीगी जमात के लोग अपने कृत्यों से दो तरह का नुकसान कर रहे हैं. पहला तो कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार व समाज के अभूतपूर्व प्रयासों में पलीता लगा रहे हैं और दूसरा अपने समुदाय के प्रति समाज में घृणा और अविश्वास की भावना को बल देने का काम भी जानबूझकर कर रहे हैं.

उद्धव ठाकरे से कोविड-19 संकट नहीं संभल रहा, मुंबई को बचाने के लिए सेना लगाई जाए

मुंबई की झुग्गी बस्तियों में कोरोनावायरस के प्रसार को देखते हुए उद्धव ठाकरे की राज्य सरकार से इस पर नियंत्रण की अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती है. सरकार अब तक अनेक बड़ी गलतियां कर चुकी है.

कोविड भारत में अभी वायरल नहीं हुआ पर देश और दुनिया में कुछ लोग सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहे

भारत कोई पिकनिक नहीं मना रहा है मगर ऐसा भी नहीं है कि यहां लाशों के ढेर लग रहे हैं, अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर की कमी पड़ रही है, श्मशानों में लकड़ी की या कब्रिस्तानों में जगह की कमी पड़ रही है.

बॉलीवुड वालों सिंहासन खाली करो कि ‘बैकबेंचर्स’ आते हैं

बॉलीवुड के 'बैकबेंचर्स', जिन्हें अक्सर साइड रोल्स के लिए याद और सेलिब्रेट किया जाता है, सोशल मीडिया पर खानों की प्रसिद्धि को ध्वस्त कर रहे हैं.

कोविड-19 और देश में हो रही मौतों की वजह जानने के लिए मृत्यु पंजीकरण में सुधार की ज़रूरत है

अब जब देश में कोविड-19 महामारी ने पैर पसार लिया है तो जरूरत है कि मृत्यु पंजीकरण पद्धति में सुधार किया जाए, जिससे यह पता लगाने में मदद मिले की आखिर मौत की वजह क्या है.

कोरोनावायरस ने साबित कर दिया है स्पेन की तरह निजी अस्पतालों का राष्ट्रीयकरण किया जाए

सरकारी संस्थान जहां जनकल्याण के मकसद से शोध कि दिशा में काम करते हैं, वहीं निजी कंपनियों का लक्ष्य मुनाफा कमाना होता है.

भारतीय युवा कोरोना से लड़ने वाले योद्धा बनकर अर्थव्यवस्था को ला सकते हैं पटरी पर

लॉकडाउन में छूट देने के बाद बुज़ुर्गों का खास ख्याल रखना होगा लेकिन देश की युवा श्रमिक आबादी, जो दुनिया में सबसे बड़ी है, बन सकती है बड़ी पूंजी. 

कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य क्षमताओं की हकीकत और सूचनाओं का कुप्रबंधन उजागर हुआ है

जैसे युद्ध के लिए भावी तैयारियां की जाती हैं, वैसे ही आपदाओं के लिए भी तैयारी करनी होगी. इसके लिए दुनिया की श्रेष्ठतम दिमागों को खुद को झोंकना होगा.

कोविड-19 ने भारत-पाकिस्तान को एक साझा दुश्मन से लड़ने और कश्मीर पर दुश्मनी त्यागने का मौका दिया है

कोरोना महामारी की विकरालता ने इन दोनों देशों को लचीला रुख अपनाने की शालीनता दिखाते हुए अपने-अपने भावुक नागरिकों को एक समझौते की ओर ले जाने का अवसर दिया है.

स्पेनिश फ्लू के 100 साल बाद भारत में आई कोरोनावायरस की आफत

पहली बार अमेरिका में 1918 में एक सैनिक में इस वायरस की पहचान हुई और अमेरिका में ही इसके शिकार होकर 6.75 लाख लोगों की मौत हो गई थी.

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इंफाल, 27 अप्रैल (भाषा) मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में सुरक्षा बलों के एक शिविर पर उग्रवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.