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Tuesday, 23 April, 2024
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लॉकडाउन के बाद कैसे होगी प्रवासी मजदूरों की ससम्मान वापसी

प्रवासी मज़दूरों की आवाजाही कोई नई घटना तो है नहीं लेकिन ना तो सत्तर बरसों में और ना पिछले छह बरस में इनके लिए कोई प्रभावी कानून बना.

डायबिटीज़ के मरीजों के लिए कोविड-19 है खतरनाक, जानें लॉकडाउन के दौरान शुगर कैसे करें नियंत्रित

एंड्रोक्राइनोलॉजिस्ट अंबरीश मिठल कहते हैं अगर आप स्मार्ट हैं तो सिर्फ बेसिक्स को फॉलो करें और आसान इंटरनेट की तकनीक का उपयोग करते हुए आप डायबिटीज़ के विजेता बन सकते हैं

सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का नारा बीएसपी का है या बीजेपी का

बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 14 अप्रैल को लगातार कई ट्वीट खुद को सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए प्रतिबद्ध बताया.

‘तिहरे’ बोझ के कारण भारत के गरीब राज्य कोविड-19 के गहन प्रकोप को नहीं झेल पाएंगे

निर्धनतम राज्यों पर समृद्ध राज्यों की तुलना में संचारी रोगों का अधिक बोझ है और यह कोविड-19 के श्वसन संबंधी संक्रमण के संदर्भ में चिंता की बात है.

अगर रविंद्र जडेजा का बल्ला राजपूताना है तो क्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बैट तैमूरी हैं

आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर जडेजा की क्लिप को एक लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा जाना इस बात को दर्शाता है कि हम आंबेडकर के जातिविहीन समाज के सपने से बहुत दूर खड़े हैं.

आप इसको कैसे भी देखें- लॉकडाउन-2 जितने लोगों की जान बचाएगा उतने ही लोगों की जान लेगा भी

प्रधानमंत्री ने जिस दूसरे चरण के लॉकडाऊन की घोषणा की है उसके फायदों पर उसके नुकसान कहीं ज्यादा भारी पड़ने वाले हैं. सरकार को भोजन और सुरक्षा का आश्वासन देना चाहिए.

कोरोनावायरस से निपटने में राज्यसत्ता की चिंता नहीं, जान बचाना है प्राथमिकता

जिन्हें राज्यसत्ता के मजबूत हो जाने का भय सता रहा वे बौद्धिक जुगाली के बजाय इन हालात में मौजूदा मशीनरी की जगह कोई वैकल्पिक व्यवस्था सुझा सकते हैं तो बताएं.

कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा मजबूर हमारे मजदूर हैं, वीज़ा-पासपोर्ट वालों की गलती की सज़ा इन्हें न मिले

सरकार इन प्रवासी मज़बूर-मजदूरों पर नरमी बरतें और सभी को राशन और अन्य जरूरी सामान सरकार उपलब्ध कराए.

तबलीगी जमात और वीएचपी अपनी-अपनी कौमों को एक करने में लगी है, तो दोनों में आखिर क्या फर्क है

हिन्दुओं और मुसलमानों में ऐसे संगठनों के मार्फत फैल रही धर्मांधता और कट्टरता से सबसे ज्यादा नुकसान उस भारतीयता का हुआ है जिसकी बुनियाद बहुलता और सौहार्द पर आधारित है.

कोरोना से ग्रसित अमेरिका और चीन के विपरीत भारत के ऊपर एक अनूठा सुपरक्लाउड आकार ले रहा है

कोरोना महामारी के दौरान भारत के डिजिटल तंत्र और हमारे स्मार्टफोन की शक्ति को हम देख रहे हैं, अब समय आ गया है कि हम अपना सुपरक्लाउड बना लें.

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राजीव चन्द्रशेखर आधुनिक हैं, उदारवादी हैं, लेकिन दुखद रूप से भाजपा के धर्मांध वफादार हैं

तिरुवनंतपुरम में राजीव चंद्रशेखर का मुकाबला शशि थरूर से है. वे खुद को एक ऐसे राज्य के लिए प्रचारित कर रहे हैं जिसने परंपरागत रूप से भाजपा के प्रति घृणा दिखाई है.

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एनबीसीसी को वित्त वर्ष 2023-24 में 23,500 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की निर्माण कंपनी एनबीसीसी लि. ने मंगलवार को कहा कि उसने पिछले वित्त वर्ष के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.