29 जुलाई 2018 को लोकसभा में मानव तस्करी (रोकथाम,पुनर्वास,संरक्षण) विधेयक 2018 पारित हो गया था. अब इस विधेयक को मौजूदा शीतकालीन सत्र मे राज्यसभा में पास कराए जाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है.
खालिद अहमद संपादक, लेखक, भाषाविद, अखबार के दफ्तर के रहनुमा, एक सच्चे और दुर्लभ सेकुलर अनीश्वरवादी और शायद नास्तिक शख्स थे और मेरे कई मुस्लिम मित्रों में निश्चित रूप से अकेले ऐसे शख्स थे और वह कोई वामपंथी भी नहीं थे, दूर-दूर तक नहीं.