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Friday, 19 April, 2024
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कस्टडी में मुस्लिम युवकों की हत्याः बिहार पुलिस के हाथ नहीं आ रहे आरोपी पुलिस वाले

बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस कस्टडी में हुई दो मुस्लिम व्यक्तियों तस्लीम और गुफरान की कथित जघन्य हत्या का मामला अब तूल पकड़ने लगा है.

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नई दिल्ली: बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस कस्टडी में हुई दो मुस्लिम व्यक्तियों की कथित जघन्य हत्या का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. मृतकों में तस्लीम (28) और गुफरान (27) के नाम शामिल हैं. गुफरान के पिता का आरोप है कि उनके बेटे का शरीर तार-तार था. शरीर देखने से लग रहा था जैसे इसमें कील ठोकी गई हों और करंट लगाया गया हो.

बिहार के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआईजी) गुप्तेश्वर पांडे ने दिप्रिंट से हुई बातचीत में बताया कि पांचों पुलिस वालों के ख़िलाफ़ आपाराधिक हत्या का मामला दर्ज किया है. इनमें चकिया थाने के एसएचओ भी शामिल हैं. पांचों ही फरार हैं और डीआईजी का कहना है कि वो 10 दिनों के भीतर गिरफ्तार करके त्वरित कार्रवाई करने वाले हैं. उन्होंने ये भी बताया कि मामले में एसआईटी का गठन किया गया है. 5 मार्च को घटी इस घटना को आठ दिन बीत गए हैं. ऐसे में पुलिस की अपनी डेडलाइन के हिसाब से आरोपी पुलिस वालों को गिरफ्तार करने के लिए उनके पास दो दिन बचते हैं.

मृतकों के परिजनों ने बताया कि मामले में उन्होंने पुलिस के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है. राज्य की सरकार चला रही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी से जब दिप्रिंट की बात हुई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले का पता ही नहीं है. अचरज की बात ये है कि ऐसा उन्होंने मामले के एक हफ्ते बीत जाने के बाद कहा है.

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बिहार पुलिस की कस्टडी में मारा गया युवक गुफरान.

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गुफ़रान के चचेरे भाई तनवीर हैदर ने दिप्रिंट को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीट-पीट कर हत्या की बात सामने आई है. वहीं, उन्होंने ये भी बताया कि मामले में आरोपी पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन सस्पेंड किए गए सभी पुलिस वाले फरार चल रहे हैं. उन्होंने जनकारी दी कि न्याय के लिए परिवार हर कोशिश कर है जिसमें प्रदर्शन से लेकर प्रशासन का दरवाज़ा खटखटाना तक शामिल है.

5 मार्च यानी बीते मंगलवार को पुलिस दोनों को देर रात सीतामढ़ी से गिरफ्तार करके डुमरा थाना ले गई थी. गिरफ्तारी के 20 घंटों के भीतर दोनों के मौत हो गई. अफरा-तफरी में परिवार इस थाने से उस थाने के चक्कर काटता रहा और अंत में दोनों व्यक्तियों की लाशें सदर अस्पताल में मिलीं. दोनों पूर्वी चंपारण जिले के चकिया पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले रामडीहा गांव के रहने वाले थे.

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गुफरान के पिता ने बताया…

गुफ़रान के पिता मनव्वर अली ने दिप्रिंट को बताया कि उस रात पुलिस 12.30 बजे उनके घर आई थी. गुफरान के चाचा सनव्वर और पिता जब दरवाज़े से बाहर निकले तो करीब 20 की संख्या में आए पुलिस वाले उनके घर में ज़बर्दस्ती घुस गए. गुफ़रान के पिता का कहना है कि पुलिस वालों के पास कोई वारंट नहीं था और पुलिस उनके बेटे को ये कह कर ले गई कि उन्हें गुफ़रान से हत्या और अपहरण के मामले में पूछताछ करनी है.

गिरफ्तारी के बाद गुफ़रान का परिवार चकिया थाना गया. वहां से उन्हें सीतामढ़ी भेज दिया गया. सीतामढ़ी थाने पर उन्हें कोई नहीं मिला. इसके बाद गुफरान के पिता को उनके बहनोई के लड़के ने बताया कि उनका बेटा नहीं रहा. गुफ़रान के पिता कहते हैं कि उनके बेटे के शरीर पर कील ठोंके जाने और करंट लगाए जाने के निशान थे. उनका आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को टॉर्चर करके मार दिया.

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पुलिस कस्टडी में मारा गया मुस्लिम युवक तस्लीम.

तस्लीम के बड़े भाई ने बताया…

तस्लीम के बड़े भाई ने बताया कि उनका नाम भी तस्लीम है और उनके मृतक भाई को लोग तसीम के नाम से भी जानते थे. उन्होंने कहा, ‘चकिया के इंस्पेक्टर संजय सिंह और दलाल पप्पू कुशवाहा दल-बल के साथ रात एक बजे उनके घर आए और बलपूर्वक घर में घुसने के लिए दरवाज़ा तोड़ दिया.’ तस्लीम कहते हैं कि पुलिस वालों के पास कोई वारंट नहीं था और मामला क्या है इसे लेकर वो कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे. वे जब घर में दाख़िल हुए तो मां-बाप और परिवार के बाकी सदस्यों का फोन छीन लिया. तस्लीम के मुताबिक परिजनों का फोन अब तक नहीं लौटाया गया है.

तस्लीम पर अपहरण का एक मामला था. लेकिन उनके बड़े भाई कहते हैं, ‘इस मामले में उनके मृतक भाई को फंसाया गया था.’ उन्होंने ये भी बताया कि उनके भाई खेती करते थे और विदेश में काम करने जाने से जुड़ी तैयारी में लगे थे. गिरफ्तारी के बाद परिवार वाले जब 5 बजे सुबह चकिया थाने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि दोनों को सीतमढ़ी के डुमरा थाने ले जाया गया है. इसके बाद सीतामढ़ी थाने के दलाल कुशवाहा ने बताया कि दोनों को सीतामढ़ी के सदर हॉस्पिटल ले जाया गया है. जब परिवार वहां पहुंचा तो दोनों को मृत पाया. तस्लीम का कहना है कि परिवार वाले पुलिस के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने वाले हैं.

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मामले में दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी.

आरजेडी ने क्या कहा…

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मनोज झा कहते हैं कि जब से नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ हाथ मिलाया है तब से राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाएं होने लगी हैं. आरएसएस से झा का मतलब भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी से है. उन्होंने इसे पुलिस की मॉब लिंचिंग करार दिया. उन्होंने कहा, ‘आरजेडी इसके ख़िलाफ़ 11 मार्च को कैंडल मार्च निकालने वाली है.’

जब दिप्रिंट ने उनसे पूछा कि आरजेडी के शासन काल में भी राज्य में लॉ एंड ऑर्डर का बुरा हाल था तो उन्होंने नीतीश कुमार संग एक साल से अधिक समय तक महागठबंधन के बैनर तले चलाई गई सरकार का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि आंकड़े उठाकर देखने पर पता चलेगा कि तब नेचर ऑफ क्राइम क्या था और अब अपराध की प्रकृति क्या हो गई है.


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जेडीयू के केसी त्यागी को नहीं पता मामला

दिप्रिंट से बातचीत में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के केसी त्यागी ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं की सीतामढ़ी में क्या हुआ है. उन्होंने कहा कि वो तो दिल्ली में हैं और उन्हें इस घटना की कोई जानकारी ही नहीं है.

यही हाल जेडीयू के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सेल के प्रमुख सय्यद अफजाल अब्बास का था. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य के ज़ोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने मामले पर सीधी नज़र बनाई हुई है. लेकिन मामले की ऐसी गंभीरता के बावजूद उन्हें पता नहीं था कि आख़िर कितने पुलिस वालों को सस्पेंड किया गया है. मामले में हमने जब ख़ान से संपर्क साधने की कोशिश की तो हमारी बात उनसे नहीं हो पाई. जब भी उनसे संपर्क होगा हम इस कॉपी को अपडेट करेंगे.

मामले में मुख्य आरोपी डुमार पुलिस थाने के एसएचओ चंद्र भूषण सिंह हैं. लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते बृहस्पतिवार को वो पुलिस की कस्टडी से भाग निकले.

 

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