भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा इल्ला का कहना है कि उन्होंने लगभग 25,000 प्रतिभागियों पर परीक्षण से जुड़ा उत्कृष्ट सेफ्टी डाटा दिया है और इसका प्रभावकारिता संबंधी डाटा फरवरी-मार्च तक उपलब्ध होगा.
मंत्रालय ने बताया कि इन सभी लोगों को अलग संबंधित राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य केंद्र में पृथक—वास में रखा गया है और उनके संपर्कों का पता लगाया जा रहा है.
मोदी ने कहा, ‘भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा. इसके लिए, देश को अपने वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों के योगदान पर गर्व है.’
टीकाकरण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) एच लालने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के बाद पुलिसकर्मियों, अर्ध सैनिक बलों, सफाई कर्मचारियों और आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों सहित अग्रिम मोर्चों के कुल तीन लाख कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा.
कोवैक्सीन को इमरजेंसी में उपयोग करने की मंजूरी दे दी गई है. यह मंजूरी सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी एसईसी अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक ने दी है.
डीसीजीआई ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कोविड 19 वैक्सीन को मंजूरी दी जबकि तीसरी वैक्सीन मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति भी दे दी है.
ये ड्राई रन पूरे देश में किया गया, बुनियादी रूप से को-विन पोर्टल को टेस्ट करने के लिए जिसका इस्तेमाल असली मुहिम के दौरान लाभार्थियों के पंजीकरण में किया जाएगा.