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Sunday, 24 November, 2024
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‘बिल्कुल भी भरोसा नहीं’ नीतीश सरकार के फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं बिहार के लाखों शिक्षक

नीतीश कुमार ने 2006 में शुरू की गई शिक्षक भर्ती प्रणाली को खत्म कर दिया है. बिहार STET पास करके नियुक्ति पत्र की राह देखने वालों को अब BPSC की परीक्षा देनी होगी.

राजस्थान में गैंगवार कौन चलाता है? बंदूकें, खून-खराबा, शोहरत की तलाश में भटके हुए युवा

लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ जेल में, रोहित गोदारा यूरोप में- लेकिन उनके नाम पर राजस्थान गैंगवार जारी है.

कचरा बीनने में न बीते जीवन और नशे के लती न बन जाए बच्चे, दिल्ली पुलिस ने शुरू की ‘चौकी में पाठशाला’

दिल्ली के सीमापुरी इलाके की दो पुलिस चौकी की जगहों पर कचरा बीनने वाले और इधर उधर घूमने वाले बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. सीमापुरी के ई और एफ ब्लॉक में खोले गए इन स्कूल का नाम 'चौकी में पाठशाला' रखा गया है.

बीजेपी केरल के कार्डिनल्स को रिझा रही लेकिन ईसाई कहते हैं कि वे कभी भी वोटिंग के लिए चर्च से प्रभावित नहीं होते

ईसाई इतने वफादार वोटर्स हैं कि 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान समुदाय के 58 प्रतिशत और 2016 में 51 प्रतिशत ने यूडीएफ को वोट दिया था.

दिल्ली का ‘मजनू का टीला’ अब एक भीड़भाड़ वाला मॉल बन गया है, लेकिन अपनी ‘तिब्बती आत्मा’ को खो रहा है

एएमए कैफे मजनू का टीला के व्यवसायीकरण का प्रतीक बन गया है. यह छात्रों और विदेशी पर्यटकों को खुब आकर्षित कर रहा है.

गुरु अर्जन देव, जिनकी शहादत ने सिख धर्म की दिशा ही बदल दी

पांचवें सिख गुरु, जिन्हें आदि ग्रंथ को संकलित करने का श्रेय दिया जाता है, वे सहिष्णुता, समानता और बहुलवाद के कट्टर समर्थक थे.

एनसीआर की सबसे लंबी दौड़- गुरुग्राम से एक दशक आगे है नोएडा मेट्रो

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस साल के बजट में घोषणा की थी कि मेट्रो विस्तार का निर्माण 2023-2024 में शुरू होगा. गुड़गांव के पुराने निवासियों ने इस तरह के आश्वासन बहुत बार सुने हैं.

राजस्थान में पुलवामा में विधवाओं की लड़ाई ने सदियों पुराने रहस्य चूड़ा प्रथा के शोषण का पर्दाफाश किया

ग्रामीण राजस्थान में पुलवामा विधवाओं के लिए, और हरियाणा में कारगिल विधवाओं के लिए, देवर कोई रिश्तेदार नहीं है. उनका वैवाहिक संबंध है, एक सामाजिक लेन-देन जिसे 'सेटलमेंट' कहा जाता है.

‘फॉर द वुमेन, बाय द वुमेन’ – कैसे बुनाई की आदत ने बनाया खेतीखान गांव की महिलाओं को बिजनेस वुमेन

हिमालयन ब्लूम्स की महिलाएं अब अपने काम में इतनी निपुण हो चुकी है कि अब बिना किसी मेंटर के खुद से इस कंपनी को आगे बढ़ा रही हैं.

1987 के मलियाना नरसंहार के प्रमुख गवाह पूछ रहे हैं- क्या मेरे गोली के घाव सबूत नहीं हैं?

36 साल और 800 सुनवाई के बाद, मेरठ जिला अदालत ने मई 1987 में 68 मुसलमानों के नरसंहार के सभी 41 आरोपियों को रिहा कर दिया था.

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ओडिशा: शराब के लिए पैसे देने से इनकार करने पर एक व्यक्ति ने मां की हत्या की

अंगुल, 24 नवंबर (भाषा) ओडिशा के अंगुल जिले में रविवार को 23 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर शराब के लिए पैसे देने से...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.