कांग्रेस ने अमित शाह और योगी आदित्यनाथ पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिकता बढ़ाने और उकसाने वाले’ बयान देने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का आग्रह किया.
वर्तमान और पूर्व विधायक प्रतिद्वंद्वी खेमे में टिकट बंटवारे को लेकर विरोध हो रहा है. सार्वजनिक रूप से आलाकमान की आलोचना करने वाले नेता कांग्रेस की पहचान थी. बीजेपी कर्नाटक में ये सब देख रही है.
बेंगलुरु में विकास को एक ‘बुरा सपना’ बताते हुए BJP ने कहा कि ‘अनियमित ग्रोथ ने चुनौतियों को बढ़ा दिया है और नीति निर्माता इसे सही राह पर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं’.
केंद्रीय गृह मंत्री 2024 के आम चुनाव में भाजपा के लिए 300 से अधिक सीटें सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, साथ ही आगामी विधानसभा, पंचायत और नगर निगम चुनावों के लिए रणनीति भी सुधार रहे हैं.
ईश्वरप्पा ने कहा, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री मुझे फोन करेंगे. उनके फोन कॉल ने मुझे प्रेरित किया है. हम शिवमोगा शहर में चुनाव जीतेंगे. हम कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास करेंगे.
जहां टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी है, वहीं मौजूदा विधायक ईश्वरप्पा, जिन्होंने पिछले हफ्ते चुनाव न लड़ने की घोषणा की उनका कहना है कि शिवमोग्गा से पार्टी उम्मीदवार चन्नबसप्पा की बड़े अंतर से जीत सुनिश्चित करनी होगी.
कर्नाटक के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित आठ कैबिनेट मंत्री और भाजपा राज्यों के तीन मुख्यमंत्री शामिल हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस भी सत्ता में लौटने के प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है वहीं जनता दल (सेक्युलर) भी तीसरी ताकत के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है.
कर्नाटक में पिछले चार चुनावों में भाजपा की जीती 80% से अधिक सीटें पर उसका कांग्रेस के साथ सीधा मुकाबला हुआ. भाजपा ने जेडीएस के खिलाफ अपने स्ट्राइक रेट को 2004 में 31.25% से बढ़ाकर 2018 में 65% पर पहुंचा दिया.
महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा है. परत-दर-परत खोलिए आप देखेंगे कि छह की छह पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं.