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Saturday, 5 October, 2024
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एग्जिट पोल 2023 में तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आगे, राजस्थान में बीजेपी, एमपी में कांटे की टक्कर

मतदाताओं द्वारा मतदान करने के बाद किए गए ये सांकेतिक सर्वेक्षण निश्चित नहीं हैं.

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नई दिल्ली: सात नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए. वहीं, तेलंगाना में गुरुवार को वोटिंग हुई. पांच राज्यों के ये चुनाव 2024 में होने वाले आम चुनाव को देखते हुए काफी अहम माने जा रहे हैं. हालांकि, सभी राज्यों के नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे, लेकिन 30 नवंबर की शाम को विभिन्न मीडिया हाउस और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए गए . हालांकि ये एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हुए हैं लेकिन इसे एक अनुमान की तरह देखा जाता रहा है कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी और किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है. ये सारे अनुमान एग्जिट पोल के जरिए लगाया जाता है. कई राजनेता इस एग्जिट पोल को सिरे से खारिज भी करते रहे हैं.

तेलंगाना में मतदान के बाद 30 नवंबर की शाम जारी एग्जिट पोल में राजस्थान में बीजेपी और तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाए जाने का अनुमान लगाया गया है वहीं मध्य प्रदेश और मिजोरम में कांटे की टक्कर बताई गई है. यहां तक की इसबार भी निर्दलीय मध्यप्रदेश में अहम भूमिका में होंगे. क्योंकि कुछ एजेंसियों का अनुमान है कि एमपी में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने जा रही है.

यहां यह उल्लेख किया जाना जरूरी है कि मतदाताओं द्वारा वोट डालने के बाद किए गए एग्जिट पोल निश्चित नहीं होते हैं और पहले भी बहुत गलत साबित हो चुके हैं.

यहां हम लाए हैं कि पांच राज्यों के लिए एग्जिट पोल क्या भविष्यवाणियां कर रही हैं

राजस्थान (200 सीटों में से 199 पर मतदान): कई एग्जिट पोल ने संकेत दिया है किइसबार भी 1993 से चला आ रहा राजस्थान का ट्रेंड बरकरार रहेगा और भाजपा बढ़त बनाएगी. क्योंकि पिछले 30 वर्षों से राजस्थान में किसी भी निवर्तमान सरकार ने शासन में वापसी नहीं की है.

अधिकांश सर्वेक्षण भाजपा को बढ़त देते हुए दिखाई दे रहे हैं. फिलहाल यहां कांग्रेस की सरकार है.राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गहलोत और पार्टी के राज्य प्रमुख सचिन पायलट के बीच मनमुटाव मतदाताओं को पसंद नहीं आया होगा जिसके कारण यहां कांग्रेस की वापसी दिखाई नहीं दे रही है.

2018 में, कांग्रेस ने 100 सीटें जीतीं और भाजपा ने 73 सीटें जीतीं थी, हालांकि वोट शेयर लगभग समान था.

मध्य प्रदेश (230 सीटें): इस प्रमुख राज्य के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर का संकेत दिया गया है, जहां त्रिशंकु विधानसभा की संभावना है.

2018 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई थी, लेकिन 2020 में पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह ने भाजपा को सत्ता में वापस ला दिया था.

2018 से 2020 तक के दो वर्षों को छोड़कर, भाजपा के शिवराज सिंह चौहान 2005 से यहां के मुख्यमंत्री हैं.

तेलंगाना (119 सीटें): सर्वेक्षणों का कहना है कि इस राज्य में कांग्रेस के जीतने की संभावना है, अधिकांश लोग इसे सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से काफी आगे बता रहे हैं.

बीआरएस के संस्थापक और मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) सत्ता में तीसरा कार्यकाल चाह रहे हैं, उन्होंने 2014 में गठन के बाद से राज्य पर शासन किया है.

मिजोरम (40 सीटें): मिजोरम में मुकाबला मौजूदा मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और मुख्य विपक्षी दल जोराम पीपुल्स मूवमेंट के बीच होता दिख रहा है. सर्वेक्षणों के मुताबिक, कांग्रेस, जिसने सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था, काफी पीछे चल रही है.

हालांकि, एमएनएफ, जो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है, ने कहा है कि अगर वह विधानसभा में असफल रहती है तो वह केंद्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.

छत्तीसगढ़ (90 सीटें): सर्वेक्षण यह संकेत देने में लगभग एकमत हैं कि कांग्रेस इस राज्य में जीत रही है और निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सीट के साथ यहां सुरक्षित हैं.

2018 के चुनावों में, कांग्रेस ने 68 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की, जबकि 2013 में 49 सीटें जीतने वाली भाजपा को सिर्फ 15 सीटें मिलीं.


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