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Saturday, 14 December, 2024
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‘विष’ और ‘विषकन्या’ में फंसा कर्नाटक विधानसभा चुनाव, कांग्रेस ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा

कांग्रेस ने अमित शाह और योगी आदित्यनाथ पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिकता बढ़ाने और उकसाने वाले’ बयान देने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का आग्रह किया.

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नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महज कुछ दिन रह गए हैं और चुनाव प्रचार यहां चरम पर है. इसी बीच कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं में बयानबाजी भी खूब जमकर हो रही है. कांग्रेस ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जहरीला सांप’ बताया है वहीं भाजपा के नेता सोनिया गांधी को ‘विषकन्या’ की उपाधी दे दी है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रधानमंत्री मोदी पर ‘जहरीले सांप’ वाली टिप्पणी पर हमला बोलते हुए कर्नाटक के बीजेपी विधायक बासनगौड़ा यतनाल ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को ‘विषकन्या’ कहा.

जब इस बयान के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, जिस व्यक्ति ने ये बात बोली है वे इस कद के नहीं हैं कि मैं उनकी बात का उत्तर दूं. ये दर्शाता है कि वे हमेशा ऐसी चीजें बोलते रहते हैं और दूसरों को पाठ पढ़ाते रहते हैं.”

कांग्रेस चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंची

इन सब आरोपों प्रत्यारोंपों के बीच कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिकता बढ़ाने और उकसाने वाले’ बयान देने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष इनके खिलाफ शिकायत की और दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने आग्रह किया.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग पहुंचकर शिकायत की. इस प्रतिनिधिममंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, अभिषेक सिंघवी, कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल और कांग्रेस के संचार विभाग के सचिव वैभव वालिया शामिल थे.

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग के समक्ष दो तीन विषय उठाए हैं. सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा भाजपा के बड़े नेताओं के बयान हैं. हमने गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत की है.’’

उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं ने तीन-चार ऐसे बयान दिए हैं जो उकसाने वाले, सांप्रदायिक, आपसी वैमनस्य और नफरत फैलाते हैं.

सिंघवी ने कहा कि भाजपा के नेताओं की तरफ से कांग्रेस के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं तथा अल्पसंख्यकों के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं.

उनका कहना था, ‘‘हमने आयोग से कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है.’’

सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने मांग की है कि कार्रवाई होनी चाहिए. कोई व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर हो, कानून सबके लिए बराबर है. हमने आग्रह किया कि ऐसे नेताओं को चुनाव प्रचार से रोक देना चाहिए.’’

कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा गत मंगलवार को एक चुनावी सभा में दिए गए उस बयान का उल्लेख किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में आई तो राज्य में परिवारवाद की राजनीति चरम पर होगी और वह ‘‘दंगों की चपेट में रहेगा.’’

शाह ने यह भी कहा था कि कांग्रेस के सरकार बनाने पर राज्य में अभी तक हुआ विकास ‘रिवर्स गियर’ में चला जाएगा.


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