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Friday, 26 July, 2024
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Bud Expert Opinions

‘बढ़ेगा बालश्रम और चाइल्ड ट्रैफिकिंग’, बाल कल्याण के Budget में 33% की कमी, विशेषज्ञों ने जताई चिंता

श्रम मंत्रालय ने बाल कल्याण मद की राशि में 33 फीसदी की कटौती की है. श्रम मंत्रालय की ओर से बाल कल्याण के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले साल के 30 करोड़ रुपये के मुकाबले 33 प्रतिशत कम है.

अमृत काल के बजट में सब एकदम साफ दिख रहा है, जरा सी भी सूट-बूट की सरकार नहीं दिखना चाहती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार अमृत काल को भारत के लिहाज से सर्वाधिक अवसरों वाला समय बता रहें हैं. मोदी सरकार की हर योजना को अमृत काल के ही दायरे में देखा जा रहा है. ऐसे में आया यह पहला बजट क्या बताता है?

मोदी सरकार 2023 के चुनावी बजट में सुपर अमीरों को बोनस देना नहीं भूली

यह बजट जो राजनीतिक संदेश दे रहा है उस पर गौर कीजिए, यह पिछले साल पकड़ी गई दिशा में ही आगे का कदम है और सरकार के अति आत्मविश्वास को दर्शाता है.

‘ग्रीन चेंज को प्रेरित करने वाला नहीं’ बजट 2023 लेकिन ईवी होंगे सस्ते, चार्जर की बढ़ेगी मांग

पूर्व अर्थशास्त्री आदित्य रामजी ने कहा, “ईवी की बिक्री के लिए सीमा शुल्क लाभ भारत की स्वदेशी ईवी प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. ’’

हर किसी की नज़र है वित्त मंत्री की तिजोरी पर, कुछ न कुछ सभी को चाहिए

इस बार यानी 2023-24 का बजट लोक सभा चुनाव के पहले का पूर्ण बजट होगा. ज़ाहिर है कि मोदी सरकार चाहेगी कि कई सारी ऐसी घोषणाएं इसमें हों जो लोक लुभावन ही नहीं, वोट खींचने वाली हों.

शेयर निवेशकों को संतुलित बजट की उम्मीद, रोजगार सृजन पर जोर देगी सरकार

आमतौर पर आम बजट से पहले शेयर बाजारों में खामोशी ही देखने को मिलती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी.

न्यूज़ रूम, कंसल्टेंसी- हर जगह धूम मची है लेकिन जरूरी सवाल गायब हैं: क्या बजट अब महत्वपूर्ण रह गया है?

जब जीएसटी को भारत में लागू किया गया था, तो सरकार के कर राजस्व के 45-50 प्रतिशत से संबंधित प्रस्तावों को बजट से बाहर कर जीएसटी परिषद के अधीन रखा गया था.

मिडल क्लास के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग अभी भी एक सपना है, टैक्स में इस बजट में छूट मिले तो बात बने

आंकड़ों के मुताबिक 2030 तक भारत का रियल एस्टेट सेक्टर एक खरब डॉलर का होगा और इसमें अफोर्डेबल हाउसिंग की बड़ी भूमिका होगी.

टैक्स वसूली तो खूब बढ़ी, क्या मिडिल क्लास को Budget में राहत मिलेगी

वित्त मंत्रालय ने सूचित किया है कि नवंबर तक डायरेक्ट टैक्स वसूली में आशातीत बढ़ोत्तरी हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में कुल वसूली पिछले साल की तुलना में 22.26 फीसदी बढ़ी. यह बजट अनुमानों का 61.79 फीसदी है.

मत-विमत

बजट काफी जटिल संदेश देता है, यह दिखाता है कि बीजेपी को ‘BASE’ पसंद है

इस बजट की कोई कमजोरी है तो यह कि वह कोई आर्थिक संदेश नहीं दे रहा है. आर्थिक सुधारों पर कोई बड़ा बयान नहीं; निजीकरण, विनिवेश का कोई जिक्र नहीं; न करों में कोई बड़ी छूट, प्रोत्साहनों और विनियमन को लेकर कोई कदम नही.

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