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Friday, 29 March, 2024
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‘ग्रीन चेंज को प्रेरित करने वाला नहीं’ बजट 2023 लेकिन ईवी होंगे सस्ते, चार्जर की बढ़ेगी मांग

पूर्व अर्थशास्त्री आदित्य रामजी ने कहा, “ईवी की बिक्री के लिए सीमा शुल्क लाभ भारत की स्वदेशी ईवी प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. ’’

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नई दिल्लीः केंद्रीय बजट 2023 में कहा गया है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम ऑयन बैटरियों के दाम कम करेगी जिससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे और उसे बड़े पैमाने पर अपनाया जाएगा.

बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि बैटरियों पर सीमा शुल्क को घटाकर 13 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है.

सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि टीवी पैनल के ओपन सेल के पुर्जों पर सीमा शुल्क घटाकर 2.5 प्रतिशत किया जाएगा. किचन इलेक्ट्रिक चिमनी पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि लिथियम ऑयन बैटरी पर शुल्क में छूट को एक और साल के लिए जारी रखा जाएगा.

2022 से कितनी बदली सूरत

वित्त मंत्री ने इस साल परिवहन विभाग को 51,7034 करोड़ रुपये का बजट अनुमान दिया है. यह पिछले साल की तुलना में बढ़ा है. सरकार ने 2022-23 के लिए 35,18,51 करोड़ रुपये का बजट अनुमान दिया था, जिसे बाद में 39,04,96 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

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बता दें कि बजट 2022 में वित्त मंत्री ने कहा था कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग नीति लागू की जाएगी. ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाने हेतु 2022-23 में सोवरिन ग्रीन बॉन्ड्स जारी किए जाएंगे.

हालांकि, पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इलेक्ट्रिक व्हिकल (ईवी) को बढ़ावा देने के बावजूद भारत 2030 तक सड़क पर 8 करोड़ ईवी उतारने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगा और नीति आयोग द्वारा तय किए गए लक्ष्य से 40 प्रतिशत पीछे रह सकता है.

‘एक्सीलेरेटिंग ट्रांसपोर्ट इलेक्ट्रिफिकेशन इन इंडिया बाई 2030’ शीर्षक से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पॉलिसी और बीते कुछ सालों में बैटरी की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारत 2030 तक सिर्फ 5 करोड़ इलेक्ट्रिक व्हिकल के लक्ष्य को ही पूरा कर पाएगा.


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‘ग्रीन चेंज को प्रेरित करने वाला बजट नहीं’

बुधवार को पेश किए गए बजट 2023-24 की घोषणा के बाद ईवी वाहनों को बढ़ावा देने और पॉलिसी रिसर्च पर काम करने वाली संस्थाओं ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है.

सेंटर फॉर पोलिसी रिसर्च (सीपीआर) में प्रोफेसर नवरोज के. दुबाश ने कहा,“हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज, गैस, ट्रांसमिशन जैसे कई क्षेत्रों में, यह ग्रीन प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करना है. लेकिन इस बजट में ग्रीन ग्रोथ पर कम ध्यान केंद्रित किया गया.”

हालांकि, इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस करना और उसे अपनाना सराहनीय कदम है.

उन्होंने कहा कि यह ग्रीन डेवलपमेंट पर ‘स्टे-द-कोर्स’ बजट है, लेकिन अभी तक ग्रीन चेंज को प्रेरित करने वाला बजट नहीं है.

सीपीआर में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ईश्वरन नरसिम्हन ने कहा, “ईवी के निर्माण पर फोकस करना और उसे अपनाना सराहनीय है, लेकिन ग्रीन इंडस्ट्रियल नीति रणनीति गायब है क्योंकि ईवी वैल्यू चैन को हासिल करने और स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) निवेश मौजूद नहीं हैं.”

उन्होंने कहा कि बजट में फेम-II सब्सिडी योजना (2898 करोड़ से 5172 करोड़ तक) के लिए अधिक खर्च की घोषणा की गई और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्थानीय स्तर पर लिथियम ऑयन बैटरी बिक्री के निर्माण के लिए ज़रूरी पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी पर सीमा शुल्क में छूट दी गई.

नरसिम्हन ने कहा, “व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के साथ मिलकर, यह क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के स्वदेशी निर्माण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा. हालांकि, आर एंड डी में निवेश की कमी एक स्पष्ट चूक है.”

इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेज़ी

लिथियम ऑयन बैटरी पर सीमा शुल्क को शून्य रखना ईवी निर्माताओं और बैटरी निर्माताओं को आयात और मैन्युफैक्चरिंग में छूट के लिए प्रोत्साहित करेगा.

बता दें कि पिछले साल भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेज़ी आई थी. करीब 10 लाख वाहनों की बिक्री में सबसे ज्यादा दो पहिया वाहन रहे थे.

वर्डे मोबिलिटी की बिजनेस डेवलपमेंट टीम के हर्ष वर्मा ने कहा, ‘‘लिथियम ऑयन बैटरी के लिए शून्य प्रतिशत आयात शुल्क शामिल है, जो ईवी मैन्युफैक्चरिंग और बैटरी निर्माताओं को आयात और इस सेक्टर में छूट के साथ प्रोत्साहित करेगा, जिसके परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में कमी आएगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे ईवी वाहनों को अपनाने में भी वृद्धि होगी, जिससे ईवी चार्जर की मांग बढ़ेगी. ऑटोमोटिव उपकरणों पर बुनियादी सीमा शुल्क में कटौती से चार्जर के निर्माताओं को बहुत लाभ होगा और इससे मैन्युफैक्चरिंग में मदद मिलेगी.’’

पूर्व अर्थशास्त्री आदित्य रामजी ने कहा, “ईवी की बिक्री के लिए सीमा शुल्क लाभ भारत की स्वदेशी ईवी प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. ’’

वहीं, अन्य टेक कंपनी का कहना है कि इस घोषणा से 2070 तक कार्बन तटस्थता के लक्ष्य को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

कार ट्रेड टेक के सीईओ बनवारी लाल शर्मा ने कहा, “यह मोटर वाहन और गतिशीलता क्षेत्रों के लिए एक ग्रीन बजट है. ग्रीन हाइड्रोजन और अन्य ऊर्जा क्षेत्रों पर घोषणाओं के माध्यम से किए गए स्थिरता उपायों से सरकार के 2070 तक कार्बन तटस्थता के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.’’

बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग से भी महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने की संभावना है, जबकि लिथियम बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए कैपिटल गुड्स पर कस्टम ड्यूटी में कमी से ईवी को तेज़ी से अपनाने में मदद मिलेगी.

वित्त मंत्री ने कहा बजट 2023 7 प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं.


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