श्रम मंत्रालय ने बाल कल्याण मद की राशि में 33 फीसदी की कटौती की है. श्रम मंत्रालय की ओर से बाल कल्याण के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले साल के 30 करोड़ रुपये के मुकाबले 33 प्रतिशत कम है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार अमृत काल को भारत के लिहाज से सर्वाधिक अवसरों वाला समय बता रहें हैं. मोदी सरकार की हर योजना को अमृत काल के ही दायरे में देखा जा रहा है. ऐसे में आया यह पहला बजट क्या बताता है?
पूर्व अर्थशास्त्री आदित्य रामजी ने कहा, “ईवी की बिक्री के लिए सीमा शुल्क लाभ भारत की स्वदेशी ईवी प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. ’’
इस बार यानी 2023-24 का बजट लोक सभा चुनाव के पहले का पूर्ण बजट होगा. ज़ाहिर है कि मोदी सरकार चाहेगी कि कई सारी ऐसी घोषणाएं इसमें हों जो लोक लुभावन ही नहीं, वोट खींचने वाली हों.
जब जीएसटी को भारत में लागू किया गया था, तो सरकार के कर राजस्व के 45-50 प्रतिशत से संबंधित प्रस्तावों को बजट से बाहर कर जीएसटी परिषद के अधीन रखा गया था.
वित्त मंत्रालय ने सूचित किया है कि नवंबर तक डायरेक्ट टैक्स वसूली में आशातीत बढ़ोत्तरी हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में कुल वसूली पिछले साल की तुलना में 22.26 फीसदी बढ़ी. यह बजट अनुमानों का 61.79 फीसदी है.
एक राष्ट्र, एक चुनाव के आलोचक मतदाताओं की थकान के बारे में नहीं सोच रहे हैं. जब चुनाव कई बार और लगातार होते हैं, तो शिक्षित मतदाता भी उन्हें एक अतिरिक्त छुट्टी के रूप में देखता है.