हिंदू आतंकवाद की बात करने वाले दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है. मालेगांव ब्लास्ट केस में मुख्य आरोपी भी हैं, जिस पर सुनवाई चल रही है.
वैसे यह पहली बार नहीं है कि महिलाओं के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया हो. इससे पहले अभिनेत्री नगमा कांग्रेस से प्रत्याशी थीं तब भी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उनसे बुरा व्यवहार किया था.
साध्वी प्रज्ञा भोपाल से चुनाव लड़ सकती हैं. भाजपा की मजूबत सीट कही जाने वाली इंदौर, भोपाल, विदिशा, सागर और गुना से अभी तक उम्मीदवार का फैसला नहीं हो पाया है.
अपनी भैंस को एक आम हिंदुस्तानी औरत से ज्यादा 'सम्मान' देने वाले आजम खान तहजीब से बहुत दूर रहते हैं. इन्होंने जयप्रदा के लिये 'अभद्र' शब्द का इस्तेमाल किया था.
हाल ही में शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे तभी से अटकले थी कि पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट पर राजनाथ सिंह के खिलाफ उतर सकती हैं.
चार कोणों में से एक अन्नाद्रमुक नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन है, जिसमें भाजपा, पट्टाली मक्कल कांची, विजयकांत की देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम शामिल हैं. दूसरा द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन है,
हर दल संसद में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना चाहता है. इसके लिए वह सिने कलाकारों को भी टिकट देने में भी पीछे नहीं है. यूपी से 6 स्टार मैदान में हैं.
चुनावी पर्यवेक्षकों का कहना है कि मोदी और नीतीश शासन और अपने पार्टी सहयोगियों के प्रति समान दृष्टिकोण रखते हैं. लेकिन वे चुनाव अभियान के तरीके एक-दूसरे से काफी अलग रखते हैं.
एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन इस विवाद से बच जाएंगे क्योंकि यह भारत है, जहां हमारा रवैया है 'चलता-है.' पश्चिम में, उन्हें माफी मांगने या इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता.