एडीआर विश्लेषण में पता चला है, कि 163 ‘अपराधी’ विधायकों में से, 123 के ख़िलाफ गंभीर आरोप हैं. करोड़पति विधायकों की संख्या भी, 67% से बढ़कर 81% हो गई है.
तेजस्वी ने चुनाव के नतीजे पर प्रश्न उठाते हुए यह आश्चर्य जताया कि इस चुनाव में राजग और महागठबंधन के कुल मतों का अंतर केवल 12,270 है पर इतने वोटों में राजग ने 15 सीटें जीतीं.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना एक प्रकार से जनमत का अपमान है. भाजपा ने ओवैसी और चिराग पासवान को 'मोहरा ' बनाया.
हम घंटों इस बात पर बतियाते रह सकते हैं कि कैसे नीतीश कुमार का कद इस चुनाव में छोटा हुआ और ये भी कि क्या कांग्रेस को 70 सीटों पर लड़ने का मौका देना एक गलती थी. लेकिन, इसके तुरंत बाद ही हमारे मन में ये जानने की खुजली मचेगी कि आईपीएल के फायनल में क्या हुआ?
भाजपा के पास बिहार की 243 सीटों वाली विधानसभा में अब जदयू से अधिक सीटें हैं, इसका नतीजा संभवत: नई सरकार में राष्ट्रीय दल के अधिक प्रतिनिधित्व के रूप में सामने आएगा.
चिराग पासवान की पार्टी ने 135 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे लेकिन सिर्फ बेगूसराय की मटिहानी सीट से राजकुमार सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे जहां उन्होंने जदयू के बाहुबली उम्मीदवार बोगो सिंह को हराया.
इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.