अपना देश छोड़ने के तीन साल बाद मुशर्रफ पाकिस्तान लौट आए लेकिन उनके राजनीतिक करिअर की सारी संभावनाएं खत्म हो चुकी थीं. 2013 में उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था.
इस समूह का पूरा ध्यान अब अपने कर्जों के भुगतान पर रहेगा ताकि उसकी वित्तीय साख बनी रहे. नई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाना तभी मुमकिन हो पाएगा जब उसकी वित्तीय स्थिति स्थिर होगी.
जिस तरह ज्वार की स्थिति सभी नावों को पानी में ऊपर उठा देती है,उसी तरह सुनामी उन्हें डुबो भी देती है. ऐसे में जो खुद को बचाने की कोशिश कर सकते हैं, वो करते हैं.
इस तरह की परिस्थिति में राजनीतिक सत्तातंत्र अगर यह फैसला करता है कि एक कॉर्पोरेट और बाज़ार आपस में निबट लें तो यह माना जाएगा कि भारत में पूंजीवाद समझदार हो गया है.
बरसों से विशेषज्ञों ने पुलिस के संबंध में केंद्र-राज्य संबंधों पर पुनर्विचार करने की दलील दी है. पुलिस की फंडिंग पर बहस करने का समय तेजी से निकला जा रहा है.
नरेंद्र मोदी जैसे नेता के खिलाफ एक वंशवादी परिवार किसी भी तरह से हमला नहीं कर सकता था. लेकिन अब, जिस तरह से उन्हें समझा जाता है, उसमें बदलाव के साथ, राहुल गांधी के पास आखिरकार एक मौका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार अमृत काल को भारत के लिहाज से सर्वाधिक अवसरों वाला समय बता रहें हैं. मोदी सरकार की हर योजना को अमृत काल के ही दायरे में देखा जा रहा है. ऐसे में आया यह पहला बजट क्या बताता है?
चुनाव मंत्री – माफ कीजिएगा, प्रधानमंत्री सच्चाई से वाबस्ता करना पसंद नहीं करते. उन्हें बॉलीवुड की कल्पनाएं, भ्रम के बुलबुले और साफ-सुथरे माहौल में सज धज कर फोटो खिंचवाना पसंद है.