अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों में महत्वपूर्ण नीतिगत प्रभाव यह सुझाव देते हैं कि अपने प्रदर्शन से समझौता किए बिना ही नौकरशाह विविधता प्राप्त कर सकते हैं।
जब विश्व के कुशल और सिद्धहस्त लोग निर्णय लेते हैं कि किस देश में जाना है, भारत वो देश नहीं है जो दिमाग में आए। इसलिए अच्छी खासी संख्या में कुशल अप्रवासी भारतीयों के वापस आने की उम्मीद तो बिलकुल मत कीजिए।
मंत्रालय द्वारा, कुछ ज्यादा ही स्वनिर्णयात्मक अवलोकन करते हुए, ट्वीट्स की एक श्रंखला पोस्ट की गई, कि यह कैसे सुनिश्चित हो कि आप पौष्टिक भोजन का उपभोग करते हैं या नहीं।
नया राजनीतिक सूत्र है, यदि आप शिकायत का निवारण नहीं कर सकते हैं, तो रक्त की प्यास को शांत करें| यदि आप समस्या को हल नहीं कर सकते हैं, तो एक और कानून के साथ लोगों को बेवक़ूफ़ बनाओ
नरेन्द्र मोदी और उनके साथियों द्वारा नेहरू के भारत को कितना बर्बाद किया जाएगा और कितनी बर्बादियाँ अभी देखना बाकी है। एक अनुशासनहीन और बिखरे हुए विपक्ष का मतलब है कि यह सब अभी लंबे समय तक टिके रहेंगे।
ये बहुत ही अनुचित है। मीडिया यह भूलते हुए दिखाई देती है कि वो पिंक को नहीं 102 नॉट आउट को बढ़ावा दे रहे हैं। ये 2016 में था और क्या अमित जी ने इसके लिए अपनी मध्यम आवाज़ का सर्वोत्तम योगदान दिया था? कमजोर अमिताभ बच्चन।लोग उनसे बहुत ज्यादा अपेक्षा रखते हैं।
हर चीज़ को हलाल और हराम के द्विआधारी में क्यों बदल दिया जाना चाहिए? यह पॉप इस्लाम है - छद्म-इस्लामिक शक्ति धर्मशास्त्र द्वारा संचालित नकली धर्मनिष्ठा, जो दुनिया को भड़कीले हरे रंग में रंगना चाहती है.