समस्या यह थी कि बड़ी संख्या में जम्मू पहुंचे कार्यकर्ताओं को श्रीनगर जाने से कैसे रोका जाए व बिना श्रीनगर गए नाराज़ कार्यकर्ताओं को वापिस घर कैसे भेजा जाए
नोटबंदी और कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की वजह से वित्त का महत्व बढ़ जाता है, 7.75 प्रतिशत की विकास दर पाने की सोच कई बार कुछ ज्यादा ही हो जाती है
वर्तमान बांग्लादेश को हेमलेट की तरह ही उस सवाल का सामना करना होगा जो उसे परेशान करता था. 1971 में 75 मिलियन सपनों से जन्मा बांग्लादेश बनना है या नहीं? या उसका व्यंग्य?