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Friday, 21 November, 2025
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भाजपा को पता है नीतीश कुमार काफी नहीं, इसीलिए बिहार में सुशांत सिंह राजपूत को अदृश्य सहयोगी बनाया

नीतीश कुमार के पास प्रचार अभियान के लिए अपने कार्यकाल की तुलना राजद के 'जंगल राज' से करने की देखी-परखी राजनीतिक पिच थी लेकिन तभी कोरोनावायरस आ गया, जिसने उनके सुशासन की पोल खोलकर रख दी.

हिंदी अब ज्ञान की भाषा नहीं रही, स्तरहीनता के साम्राज्य ने इसकी आत्मा को कुचल दिया है

हिंदी दिवस के अवसर पर आइए विचार करें कि कुछ ही दशकों में हिंदी किस ऊंचाई से गिरी है.

कंगना झांसी की रानी नहीं बन सकतीं क्योंकि उनका साथ देने के लिए कोई झलकारी बाई नहीं है 

कंगना रानौत को फिल्म मणिकर्णिका को दोबारा देखना चाहिए, खासकर लगभग 5 मिनट के उन सीन को जब पर्दे पर झलकारी बाई आती हैं, जो झांसी की सेना के कमांडरों में से एक थीं.

मोदी अगले सप्ताह 70 के हो जायेंगे, एक बेहतर विरासत छोड़ कर जाने का समय निकलता जा रहा है

अधिकतर ताकतवर नेता विरासत में कमजोर अर्थव्यवस्था छोड़ जाने के लिए ही जाने जाते रहे हैं. मोदी चाहें तो इस जमात में गिने जाने से बच सकते हैं, लेकिन चुनौतियां उनके लिए बढ़ती जा रही हैं.

भारत तीन संकटों से जूझ रहा है, इस समय क्यों मोदी को देश में बांटने की राजनीति से पल्ला झाड़ लेना चाहिए

भारत आज कई गंभीर, आपस में जटिलता से उलझे हुए संकटों का सामना कर रह है, उसे राजनीतिक जमीन तथा भरोसे की जरूरत है, और यह मोदी और उनकी सरकार के ऊपर है कि वह इसे बनाने की ज़िम्मेदारी किस तरह निभाती है.

सत्ताधीशों के दामादों से अलग थे फिरोज गांधी, ससुर नेहरू की नाक में कर रखा था दम

अपने जीते जी फिरोज ने न खुद को किसी कुल, गोत्र, वंश या पार्टी के खांचे में फिट किया, न ही उनकी राजनीति की. अपने उसूलों व नैतिकताओं की ही फिक्र करते रहे.

स्वामी विवेकानंद के सिर्फ 5 शब्दों और 6 भाषणों ने, भारत को कैसे विश्व विजेता बनाया

आज भी जब विश्व सम्प्रदायों और पंथो में बंटा हुआ है, अपनी मान्यताओं को दूसरों पर थोपने का प्रचलन चल रहा है.इस दौर में स्वामीजी का यह विश्व बंधुत्व का संदेश सबके लिए एक मार्ग है, जो विश्व के कल्याण की बात करता है, सभी को स्वीकार करने की प्रेरणा देता है.

‘अजेय चीन’ के मिथक को लद्दाख में तोड़ रहा है भारत, पेंटागन को भी यही करना चाहिए

उल्लेखनीय है कि सोवियत संघ के विघटन के दौर में भी पेंटागन की 1989 की रिपोर्ट उसकी ताकत का बखान कर रही थी. चीन की 'बढ़ती' शक्ति की बात खुद उसकी छेड़ी हुई है.

केंद्र-राज्य के बीच जारी जीएसटी विवाद से ज्यादा जरूरी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और उधार की व्यवस्था बनाना है

जीएसटी से आय में कमी की भरपाई के लिए चाहे जो भी उधार लेगा, सरकार पर सामान्य कर्ज का बोझ बढ़ने ही वाला है इसलिए उधार लेने की एक व्यवस्थित योजना बनाने की जरूरत है. 

आरजेडी के सहयोगी दल चाहते हैं कि आरजेडी बिहार में चुनाव न लड़े, सिर्फ समर्थन करे

कम से कम इतनी सीटें तो आरजेडी को खुद लड़नी ही चाहिए कि वो अपने दम पर बिहार विधानसभा में बहुमत यानी 122 का आंकड़ा पार कर ले. समर्थक दल के विधायक किसी भी नाजुक मौके पर बीजेपी के साथ हो लेंगे.

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भारत का विपक्ष बीजेपी से कम, खुद से ज़्यादा लड़ रहा है

बिहार के चुनाव नतीजों ने ऐसा पल बनाया है जो सिर्फ BJP ने क्या हासिल किया इस पर नहीं, बल्कि विपक्ष ने क्या खो दिया इस पर भी है.

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नीतीश कुमार ने पटना हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी के पांव छूने की कोशिश की

पटना, 20 नवंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के बाद यहां हवाई अड्डे पर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.