तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल ने मोदी सरकार को लिखा है कि कोविड मामले बढ़ने के कारण उनके यहां आई कमी को देखते हुए उनकी ऑक्सीजन की बढ़ी मांग को पूरा किया जाए.
राज्य में परिवहन के किसी भी माध्यम से आने वाले व्यक्ति को संक्रमित न होने की पुष्टि करने वाली ‘आरटी-पीसीआर’ रिपोर्ट दिखानी होगी, जो राज्य में आने से 48 घंटे पहले जारी की गई हो.
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 2 से 18 वर्ष की आयु वर्ग पर क्लिनिकल ट्रायल करने का प्रस्ताव दिया था. ट्रायल में टीके की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में दी जाएगी.
डॉक्टरों का कहना है कि पिछली लहर में, कोविड से ठीक हुए क़रीब 15 प्रतिशत मरीज़ों को, लंग फाइब्रोसिस की वजह से लंबे समय तक ऑक्सीजन पर रखना पड़ा था. इस बार ये संख्या और अधिक हो सकती है.
बिहार के आरा और बक्सर जिलों में कोविड-19 मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है क्योंकि अस्पतालों में बेड या कर्मचारी हैं नहीं और निजी डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बंद कर रखे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,97,34,823 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 फीसदी दर्ज की गई है.
चुनाव नतीजे पर चर्चा में प्रायः हर कोई केवल भाजपा के ‘आंकड़े’ की बात कर रहा है, लेकिन क्या हो अगर हम समीकरण को उलट दें और यह सवाल करें कि हारने वाले का प्रदर्शन कैसा रहा?