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Thursday, 25 April, 2024
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ब्रिटिश स्टडी के मुताबिक वैक्सीन की दो डोज़ जरूरी, भारत में मिले कोरोना वैरिएंट पर 80% प्रभावी

इस हफ्ते के शुरू में जारी किए गए नवीनतम पीएचई आंकड़े दिखाते हैं कि B1.617.2 वैरिएंट के मामले देश भर में पिछले हफ्ते 2111 से बढ़कर 3424 पर पहुंच गए हैं.

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लंदनः ब्रिटिश सरकार की नई स्टडी में एक बात सामने आई है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका या फाइजर के वैक्सीन की दो डोज़ कोविड-19 के B1.617.2 वैरिएंट की रोकथाम में 80 प्रतिशत प्रभावी है.

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की दो डोज़ वाली वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा कोविशील्ड के नाम से उत्पादित की जा रही है और भारत में इसे महामारी से बचाव के लिये वयस्कों को दिया जा रहा है.

ब्रिटेन का यह अध्ययन पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के आंकड़ों पर आधारित है और इससे यह भी सामने आया कि इसकी दो डोज़ B.117 वैरिएंट से 87 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती हैं. वायरस का यह वैरिएंट पहले इंग्लैंड के केंट एरिया में सामने आया था और इसे बेहद संक्रामक माना जाता है.

‘द टेलीग्राफ’ अखबार के मुताबिक अध्ययन के यह नए नतीजे इस हफ्ते सरकार के ‘न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवाइजरी ग्रुप’ (नर्वटेग) की बैठक में पेश किए गए.

इस हफ्ते के शुरू में जारी किए गए नवीनतम पीएचई आंकड़े दिखाते हैं कि B1.617.2 वैरिएंट के मामले देश भर में पिछले हफ्ते 2111 से बढ़कर 3424 पर पहुंच गए हैं.

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सेंगर इंस्टीट्यूट में कोविड-19 जीनोमिक्स के निदेशक डॉ. जेफरी बेरेट ने बीबीसी को बताया, ‘मुझे लगता है कि यह स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है, जिन्हें संख्याओं के लिहाज से कोई भी देख सकता है और जो हफ्ते दर हफ्ते सामने आ रही हैं.’

भारत में पहली बार सामने आए चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) की संक्रामकता दर के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे आज कयास लगाना हो तो मैं इसे 50 प्रतिशत के बजाय 20 से तीस प्रतिशत मानूंगा (केंट में मिले स्वरूप से ज्यादा संक्रामक). लेकिन इसे लेकर अब भी अनिश्चितता है, 50 प्रतिशत एक तार्किक सबसे खराब परिदृश्य हो सकता है.’

इस बीच, पीएचई अधिकारी भी जांच के दायरे वाले वैरिएंट (वीयूआई) पर इंग्लैंड के यॉर्कशायर में करीबी नजर रख रहे हैं जो उच्च संक्रमण दर दर्शा रहा है.

यह स्टडी तब सामने आई है जब नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने टीकाकरण कार्यक्रम के और विस्तार की घोषणा की है और कहा कि वह शनिवार से 34 साल से ज्यादा के जनसंख्या वर्ग के साथ ही 32 और 33 साल के लोगों के लिए भी वैक्सीन की बुकिंग शुरू करेगा.

एनएचएस इंग्लैंड ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर टीका लगवाने वालों के लिए नए आयुवर्ग को इसलिए जोड़ा जा सका क्योंकि 10 में से चार से ज्यादा वयस्कों को अब वैक्सीन की दोनों डोज़ मिल चुकी है.


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