सोशल मीडिया पर राजनीतिक तौर पर बंटे हुए लोग नकली स्क्रीनशॉट और फोटो डाल कर अपने एजेंडे को बढ़ाने की कोशिश करते हैं और जनता इसे चुपचाप गले भी उतार लेती है.
एक राष्ट्र, एक चुनाव के आलोचक मतदाताओं की थकान के बारे में नहीं सोच रहे हैं. जब चुनाव कई बार और लगातार होते हैं, तो शिक्षित मतदाता भी उन्हें एक अतिरिक्त छुट्टी के रूप में देखता है.