सोशल मीडिया पर राजनीतिक तौर पर बंटे हुए लोग नकली स्क्रीनशॉट और फोटो डाल कर अपने एजेंडे को बढ़ाने की कोशिश करते हैं और जनता इसे चुपचाप गले भी उतार लेती है.
समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता ऐसे शब्द हैं जिन्हें भाजपा नेता न पूरी तरह अपनाना चाहते हैं और न ही खुले तौर पर नकार पा रहे हैं. इसी उलझन की वजह से पार्टी अब इन विचारों का अपना मतलब गढ़ने की कोशिश कर रही है और वह भी थोड़े अटपटे और बेतुके तरीके से.