हिमाचल प्रदेश की चार सीटों पर निर्णायक वोटर माने जाने वाले हट्टी समुदाय को लुभाने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
ऐसे ही लापता कुछ कुत्ते घर से 20-30 किमी दूर ट्रामा से जूझते हुए मिले थे. कुत्तों की तलाश में जहां एक तरफ रेस्क्यू ग्रुप हर दिन बाहर जा रहे हैं तो वहीं उनकी देखभाल करने वाले भी उनके मिलने की उम्मीद बनाए हुए हैं.
पैड की बजाय मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने के लिए अधिकारियों को मनाना आसान नहीं था. उनके मन में इसे लेकर डर और तमाम तरह की आशंकाएं थी. इसके अलावा पीरियड्स को लेकर बनीं वर्जनाओं को तोड़ना भी एक मुश्किल काम था.
एकदम घर के जैसा खाना और वो भी मुफ्त में मिलना ग्राहकों को इस कैफे तक खींच लाता है. यहां प्रतिदिन सैकड़ों किलो प्लास्टिक के बदले खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं.
200 कुत्तों के पास सामूहिक रूप से गांव के बाहर सड़क से सटी 26 बीघा जमीन है. भूमि 'समस्त गांव कुतरानी' समिति के नाम पर पंजीकृत है, जो कुत्तों की देखरेख करती है.
निरोध एक पसंदीदा विकल्प नहीं हो सकता. लेकिन भारत के पहले सरकारी स्वामित्व वाले कंडोम ब्रांड का एक बहुत ही पुराना इतिहास रहा है जिसमें घटिया ब्रांडिंग से लेकर मार्केटिंग ब्लंडर तक शामिल हैं.
दिल्ली में विभाजन संग्रहालय अब सिंधियों के अनकहे दर्द के बारे में बताता है. इसमें मौखिक इतिहास, अभिलेखीय सामग्री, स्मृति कलाकृतियाँ और बिखरी हुई संस्कृति की समकालीन कला का मिश्रण है.