प्रकाशकों ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है कि पाठकों को भारतीय इंटरप्रेन्योर की सफलता की कहानी में रुचि देखी गई है. करण बजाज और शैली चोपड़ा भी लोकप्रिय नाम हैं.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के स्टेशन मैनेजर राकेश शर्मा 2006 से ट्रेन में छूटे या भूले सामान को अपनी टीम के साथ मिलकर यात्रियों तक पहुंचा रहे हैं. अब तक 600 से ज्यादा सामान उनके मालिकों तक पहुंचाया गया है.
अब एक नई बहस शुरू हो गई है कि किसी जिले में तैनात आईएएस अधिकारी की जिम्मेदारियां स्पष्ट तौर पर बताने के लिए आखिर उसका पदनाम क्या होना चाहिए. वैसे नाम में क्या रखा है? जाहिर तौर पर, औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने की कोशिश...
बॉम्बे हाईकोर्ट से गुजरते हुए इसकी ऐतिहासिकता को महसूस किया जा सकता है. यह वही कोर्ट है जहां जिन्ना और आंबेडकर ने प्रेक्टिस की थी और लोकमान्य तिलक पर मुकदमा चलाया गया था.
इन्फ्लुएंसर्स का यह क्लब बहुत ऊंची दीवारों के भीतर रहता है. हालांकि ये उनकी पसंद नहीं है, वो इससे बाहर आना चाहते हैं. लेकिन एल्गोरिदम भी उनके पक्ष में नहीं है.
बॉम्बे बेगम से लेकर महीप कपूर तक, छोटे पर्दे की ये अभिव्यक्तियां मेनोपॉज को लेकर बनी दीवारों के दरखने की गवाह हैं. ये सिनेमाई दुनिया हमें बता रही है कि जमीन पर क्या बदलाव आ रहा है.
केंद्रीय बजट 2025-26 के स्पष्ट लक्ष्य हैं: विकास को गति देना, भारत के उभरते मिडिल-क्लास की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना, प्राइवेट सेक्टर के निवेश को बढ़ावा देना और घरेलू भावनाओं को ऊपर उठाना.