सियाचिन ग्लेशियर में सैनिकों को योग सिखाने से लेकर मिट्टी बचाओ आंदोलन के लिए अभियान चलाने और अंबानी के छोटे बेटे की शादी में शामिल होने तक, सद्गुरु के विशाल धार्मिक-सामाजिक साम्राज्य का विस्तार हो रहा है.
बीजेपी ने 33 मौजूदा सांसदों को हटा कर उनकी जगह नये चेहरों को मैदान में उतारा है. पूर्व मेयर कमलजीत सहरावत पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में एक ऐसा चेहरा हैं.
विनोबा भावे ने 1950 और 60 के दशक में कई लोगों को सामूहिक स्वामित्व के लिए अपनी ज़मीन दान करने के लिए प्रेरित किया. अब, कुछ ग्रामदान गांव ‘आज़ादी’ के लिए लड़ रहे हैं.
हिजाब और नमाज के बारे में प्रचलित राष्ट्रीय मनोदशा और बातचीत सबसे निचले नागरिक समूहों, आरडब्ल्यूए तक फैल रही है. मुस्लिम निवासी परेशानी से बचने के लिए आत्म-सेंसर कर रहे हैं और कम प्रोफाइल और दृश्यता रख रहे हैं.
सिवराजवेल आईएएस अकादमी से लेकर ऑफिसर्स आईएएस अकादमी तक, हॉस्टल, लाइब्रेरी, कैंटीन और स्टडी हॉल. अन्ना नगर पिछले 10 साल में एक बड़े यूपीएससी कोचिंग हब की तरह विकसित हुआ है.
पढ़ाई और नौकरी में प्रतिभाशाली महिलाओं को बच्चे को जन्म देने के बाद घर पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता है. इसलिए चेन्नई की 30-वर्षीया महिला संकरी ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जो ‘मातृत्व दंड’ भुगतने वालीं महिलाओं को नौकरी देता है.
हैदराबाद स्थित सॉफ्टवेयर इंजीनियर खालिद सैफुल्लाह एक व्यक्ति के तकनीकी अभियान पर हैं. उन्होंने मोदी के भारत में मुसलमानों के लिए ‘एनआरसी को हराओ’ से लेकर ‘लापता मतदाताओं’ तक ऐप्स का एक शस्त्रागार बनाया है.
मुखर्जी नगर और करोल बाग की हर गली में एक कोचिंग संस्थान होने से दिल्ली सिकुड़ती जा रही है और अब संस्थान हर राज्य की राजधानी में एक मुखर्जी नगर बनाना चाहते हैं.
एक बात तो साफ है — हर राजनीतिक दल महिला सशक्तिकरण का तमगा पहनना चाहता है. सिवाय इसके कि सत्ता में एक महिला का होना अपने AAP में महिला-समर्थक नीतियों का मतलब नहीं है.