चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है तो रूस के पास न्यूक्लियर हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा है. अमेरिका दुनिया की सबसे ताकतवर सैन्य ताकत है तो भारत एंटी बैलिस्टिक मिसाइल से लैस है. इन सबमें कहां खड़ा है यूक्रेन जानिए इस आर्टिकिल में.
कई सालों से आतंकियों का अड्डा माने जाने वाले दक्षिणी कश्मीर में पिछले पांच सालों के दौरान करीब 140-150 आतंकवादी सक्रिय थे लेकिन अब सुरक्षा बलों की सूची में इनकी संख्या 74 ही रह गई है.
यूक्रेन में छिड़े संघर्ष का तात्कालिक प्रभाव रूस के साथ चलायी जा रही रक्षा परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी होगा. लेकिन इसका दीर्घकालीन प्रभाव वह सबक होगा जो चीन इस संघर्ष से सीखता है.
सेना के पूर्व अधिकारियों और रक्षा संस्थानों से जुड़े लोगों का कहना है कि रूस रिहायशी इलाकों में आक्रमण करने से बच रहा है और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर यूक्रेन में रूस समर्थित सरकार स्थापित करना चाहता है.
पाकिस्तानी सेना, भारतीय तोपखाने की मार का सामना करने के लिए अपनी पोजीशन मजबूत करने के मकसद से निजी फर्मों को काम पर लगा रही है. दूसरी तरफ, भारतीय सेना भी अपने शस्त्र भंडार में कई सारे नवीनतम हथियार और निगरानी प्रणालियां जोड़ रही है.
यूक्रेन की 12,303 बख्तरबंद गाड़ियों के मुकाबले रूस के पास 30,122 इस तरह की गाड़ियां हैं. रूस के पास 605 युद्धपोत हैं. वहीं, यूक्रेन के पास सिर्फ़ 38 युद्धपोत हैं. रूस के पास परमाणु हथियार भी हैं. वही, यूक्रेन अब परमाणु हथियार नहीं रखता. इतना ही नहीं, रूस के पास हाइपरसोनिक मिसाइल भी हैं.
एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने इस बात को भी रेखांकित किया कि चीन द्वारा एक अक्षम हो चुके उपग्रह को भौतिक रूप से 'ग्रेवयार्ड ऑर्बिट' में धकेला जाना अंतरिक्ष की हथियारबंदी वाली दौड़ में एक नया खतरा है.
एक इंटरव्यू में लेफ्टीनेंट जनरल पांडे कहा है कि कश्मीर में स्थाई शांति और स्थिरता के लिए सही बीमारी और संकट का पता लगाना जरूरी है. सिर्फ इस बीमारी के लक्षण का इलाज करना कोई समाधान नहीं है.
यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने गलवान घाटी, जहां जून 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, का दौरा करने वाले अपने किसी शीर्ष अधिकारी की तस्वीरें जारी की हैं.
भाजपा आलाकमान द्वारा किसी को मुख्यमंत्री बनाने या उस पद से हटाने के फैसले को लेकर किसी तुकबंदी और कारण की तलाश न करें. क्योंकि ऐसा कोई कारण होता ही नहीं है.