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Sunday, 28 April, 2024
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लेफ्टिनेंट उमर फैयाज़ की हत्या में वॉन्टेड लश्कर-ए-तैयबा आतंकी 7 साल बाद कश्मीर में मारा गया

लश्कर-ए-तैयबा का बिलाल अहमद भट्ट वॉन्टेड आतंकवादी था और उस पर 2017 में सेना अधिकारी की हत्या का आरोप था. शुरुआत में भट्ट ने आतंकी संगठन के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में भी काम किया है.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के शोपियां में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज़ के अपहरण और हत्या के सात साल बाद, सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी बिलाल अहमद भट्ट को मार गिराया, जो उस ग्रुप का आखरी सदस्य था जिसने 22 वर्षीय सेना अधिकारी की हत्या को अंजाम दिया था.

हिस्ट्री शीटर और कई आतंकी मामलों में वांछित भट्ट पर दक्षिण कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने का भी आरोप था.

सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, चेक चोलन का स्थानीय निवासी भट्ट, आतंकी रैंकों पर चढ़ने से पहले शुरू में आतंकी संगठन के लिए एक ओवरग्राउंड वर्कर था. सूत्रों में से एक ने कहा, “वह दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक आतंकवाद विरोधी अभियान में मारा गया.”

शोपियां के छोटी गाम गांव में आतंकवादी की मौजूदगी के संबंध में विशेष सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस, सेना (34 RR) और सीआरपीएफ (178 Bn) द्वारा तड़के एक संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया.

जब सुरक्षा बल एक ठिकाने के पास पहुंचे तो भट्ट ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी और वह मुठभेड़ में मारा गया.

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सूत्रों ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से एक एके सीरीज राइफल, तीन मैगजीन सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए.

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, भट्ट कई आतंकी अपराधों में शामिल था, जिसमें गैर-स्थानीय मजदूरों पर ग्रेनेड हमले भी शामिल थे, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी.

लेकिन मई 2017 में लेफ्टिनेंट फैयाज़ की हत्या ने उन्हें सुरक्षा बलों के निशाने पर ला दिया था.

आतंकवादी फैयाज़ के चचेरे भाई के घर में घुस गए थे, जिसकी शादी होने वाली थी और उसे घर की पहली मंजिल से परड़कर ले गए थे. उनका अपहरण कर लिया गया और 24 घंटे बाद उनका गोलियों से छलनी शव मिला.

राजपूताना राइफल्स की दूसरी बटालियन के युवा अधिकारी ने शादी के लिए अशांत कुलगाम शहर में घर जाने के लिए छुट्टी ली थी.

2018 में सेना ने शोपियां के जुबैर अहमद तुर्रे और पिंजूरा के इशफाक अहमद मलिक को मार गिराया था, जो कथित तौर पर फयाज़ की हत्या में शामिल थे.

भट्ट पर एक कश्मीरी पंडित – सुनील कुमार भट्ट की हत्या में शामिल होने और एक अन्य कश्मीरी पंडित, प्रीतिम्बर नाथ, दोनों शोपियां के निवासी, को घायल करने का भी आरोप है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, भट्ट एक अन्य स्थानीय निवासी बाल कृष्ण पर हमले में भी शामिल है और उस पर स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाने का भी आरोप है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, भट्ट पर स्थानीय युवाओं को आतंकवादी रैंकों में शामिल होने के लिए उकसाने और 12 स्थानीय युवाओं को आतंकवादियों के रैंक में शामिल करने का आरोप है. अन्य आतंकी अपराधों के अलावा, वह एक गिरफ्तार आतंकवादी की हत्या में भी शामिल था, जो 2022 में नौगाम में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान खोज दल का नेतृत्व कर रहा था.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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