चीनी रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने ‘10 फरवरी को सिंक्रोनाइज और ऑर्गनाइज तरीके से वापसी’ शुरू कर दी है. भारत की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
मौजूदा बाधाओं के चलते, जिनमें 9.5% वित्तीय घाटा शामिल है, मोदी सरकार के लिए राज्यों को, 15वें वित्त आयोग द्वारा सिफारिश की गई, 41% हिस्सेदारी से अधिक धनराशि देना संभव नहीं होगा.
चीन की तुलना में हमारा शक्ति संतुलन हमें बलप्रयोग से अपनी जमीन वापस हासिल करने की छूट नहीं देता. लेकिन एलएसी पर बस्ती की बसावट, पर्यटकों की आवाजाही आदि से हम अपनी और जमीन खोने से बच सकते हैं
वित्तीय संकट के बीच, भारतीय सशस्त्र बलों को भी अपने आधुनिकीकरण की योजनाओं को पूरा करने के लिए आवंटन में वृद्धि की उम्मीद है. मोदी सरकार को इसे पूरा करना होगा.
सुरक्षा बलों ने एलएसी पर चीन के साथ जारी गतिरोध का हवाला देते हुए सैन्य आधुनिकीकरण की सख्त जरूरत बताई है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत ज्यादा वृद्धि की गुंजाइश नहीं है.
चीनी सरकार का सर्वेक्षण जहाज़ जिसपर आरोप है, कि पिछले सप्ताह अपनी स्थिति से सूचित किए बिना, वो संदिग्ध रूप से डेटा एकत्र कर रहा था, जिसका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
भारत के रिफ्यूलर बेड़े में मौजूदा समय में छह रूसी इल्यूसिन-78 टैंकर शामिल हैं, जिन्हें पहली बार 2003 में शामिल किया गया था और अब रखरखाव और सर्विसिंग क्षमता में समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
मेरठ से उम्मीदवार अरुण गोविल ने संविधान में ‘परिवर्तन’ पर अपनी टिप्पणियों के लिए विपक्ष को उकसाया है. ऐसा करने पर वे लल्लू सिंह, अनंतकुमार हेगड़े और ज्योति मिर्धा की सूची में शामिल हो गए.