scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमडिफेंसआखिरकार भारत और चीन ने गोगरा बिंदु से अपने-अपने सैनिकों को हटाया, सभी अस्थायी ढांचे भी नष्ट किए

आखिरकार भारत और चीन ने गोगरा बिंदु से अपने-अपने सैनिकों को हटाया, सभी अस्थायी ढांचे भी नष्ट किए

पूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.

Text Size:

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्थिति को गतिरोध-पूर्व अवधि की हालत में बहाल कर दिया गया है. भारतीय थल सेना ने शुक्रवार को बताया.

थल सेना ने कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चार और पांच अगस्त को की गई तथा दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी बेस में हैं.

गोगरा बिंदु को गश्त बिंदु (पेट्रोलिंग प्वाइंट)-17ए के रूप में जाना जाता है.

भारत और चीन के बीच कोर-कमांडर-स्तरीय वार्ता के 12 वें दौर के बाद यह कदम उठाया गया है, जो 31 जुलाई को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीनी पक्ष में चुशुल-मोल्दो बैठक बिंदु पर आयोजित की गई थी.

थल सेना ने एक बयान में कहा, ‘इलाके में दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थायीय ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है तथा परस्पर तरीके से उनका सत्यापन किया गया है. दोनों पक्षों ने इलाके में स्थलाकृति को गतिरोध-पूर्व स्थिति में बहाल कर दिया है. ’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

बयान में कहा गया है कि सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता यह सुनिश्चित करेगा कि गोगरा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दोनों पक्षों द्वारा सख्ती से अनुपालन और सम्मान किया जाएगा, तथा यथास्थिति में एकतरफा तरीके से कोई बदलाव नहीं हो.

थल सेना ने कहा, ‘इसके साथ ही, आमना-सामना वाले एक और अधिक संवेदनशील इलाके का समाधान हो गया है. दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे ले जाने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शेष मुद्दों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई है.’

पूर्वी लद्दाख का उल्लेख सरकार पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है.

बयान में कहा गया है, ‘भारतीय थल सेना, आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के साथ राष्ट्र की संप्रभुता बनाए रखने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.’

थल सेना ने यह भी कहा है कि कहा कि दोनों पक्षों ने गोगरा में अग्रिम मोर्चे की तैनातियों को एक चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से रोक दिया है.

भारत और चीन के बीच पिछले साल अप्रैल-मई से एलएसी पर एक गतिरोध जिसके परिणामस्वरूप गलवान घाटी में भी झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे के बाद उत्पन्न हुए तनाव को दूर करने के लिए पिछले साल से अभी तक कई स्तरों पर प्रयास चल रहे थे.

सूत्रों ने कहा कि भारत-चीन वार्ता का अगला फोकस हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र होगा, जो पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 ए है.

दूसरे बातचीत के बिंदु – जैसे देपसांग मैदान और डेमचोक है जिसमें अभी समय लगेगा.


यह भी पढ़ें: बातचीत ‘रचनात्मक’ रही, भारत और चीन ने कहा— बाकी मुद्दे जल्दी सुलझा लिए जाएंगे


(भाषा के इनपुट्स के साथ)

share & View comments