1983 में भारत ने रूसी मिग-21, जो चलन से बाहर होने के बावजूद अब तक उड़ान भर रहे हैं, की जगह लेने के लिए एक नए हल्के लड़ाकू विमानों के निर्माण की परियोजना शुरू की थी.
सेना दिवस पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए,
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से भारतीय वायु सेना के लिये 83 तेजस विमान खरीदने को मंजूरी प्रदान कर दी.
सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे का कहना है कि मुद्रीकरण की योजना बजटीय बाधाओं को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है, और इस क्षेत्र में तेजी आने के बाद इसे फिर शुरू किया जाएगा.
चीन के इस कदम को डी-एस्केलेशन के रूप में नहीं देखा जा सकता है. क्योंकि गतिरोध के दौरान भारत ने भी एलएसी पर सैनिक भेजे थे जिसे पहले ही वापस बुला लिया गया है.
हिरासत में लिए गए चीनी सैनिक के साथ बॉर्डर मैनेजमेंट संबंधी प्रक्रियाओं के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है और इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में वह भारतीय सीमा में घुसा था.
फ्रांसीसी फर्म दसॉल्ट ने ऑर्डर की संख्या के आधार पर भारत में राफेल विमान के निर्माण पर अपनी नजरें टिका रखी हैं. लेकिन भारत इस पर कोई भी फैसला पहले 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति होने के बाद ही करेगा.
नौसेना पहले ही स्मैश 2000 प्लस सिस्टम्स के ऑर्डर दे चुकी है, जो असॉल्ट रायफल्स को स्मार्ट हथियारों में बदल देते हैं जिससे वो फर्स्ट-शॉट हिट्स और एंटी-ड्रोन ऑपरेशन में सक्षम हो जाते हैं.
चुनाव मंत्री – माफ कीजिएगा, प्रधानमंत्री सच्चाई से वाबस्ता करना पसंद नहीं करते. उन्हें बॉलीवुड की कल्पनाएं, भ्रम के बुलबुले और साफ-सुथरे माहौल में सज धज कर फोटो खिंचवाना पसंद है.
तिरुवनंतपुरम, दो मई (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) की युवा शाखा ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केरल...