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Saturday, 22 November, 2025
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समाज-संस्कृति

हिंदी की बात छिड़ी तो नेहरू ने क्यों कहा था, ‘अच्छा काम, गलत वक्त पर बुरा काम हो जाता है’

गांधी ने कहा था, 'हिंदुस्तानी भाषा न ही संस्कृतनिष्ठ और न ही परसियन होनी चाहिए. बल्कि ये इन दोनों की मिश्रण होनी चाहिए.

हिंदी दिवस: क्या बाज़ार ने हिंदी की संवेदना, रचनाशीलता, रचनात्मकता को कम किया है

रिपोर्ट बताती है कि 2021 तक इंटरनेट पर 38 फीसदी तक हिंदी भाषा के उपयोगकर्ता होंगे जो कि बाकी सभी भाषाओं की तुलना में सर्वाधिक है.

असमानता का जहर पीकर समानता का संसार रचते मलखान सिंह

मलखान सिंह की काव्य दृष्टि अत्यंत पीड़ादायी परिस्थितियों को देखकर बनी है. वे अपनी कविता में जाति के प्रश्न को बार-बार उठाते हैं. वे पूछते हैं कि क्या इस देश में हमारी पहचान केवल हमारी जाति से ही तय होगी?

क्रांति और विद्रोह के कवि ‘पाश’ सपनों के मर जाने को सबसे खतरनाक मानते थे

अवतार सिंह संधू 'पाश' उस सामाजिक और राजनीतिक आजादी के पैरोकार थे जिसके लिए उनके आदर्श रहे भगत सिंह ने अपनी शहादत तक दे दी थी.

सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर महिलाओं का पहला स्कूल खोलने वाली फातिमा शेख

फातिमा शेख का काम सावित्रीबाई के बराबर का तो हैं ही, कई मायने में ज़्यादा साहसिक और परोपकारी भी माना जा सकता है.

पहली बार महिलाओं के लिए शिक्षा का द्वार खोलने वाली सावित्री बाई फुले

हिंदू धर्म, समाज व्यवस्था और परंपरा में शूद्रों-अतिशूद्रों और महिलाओं के लिए तय स्थान को आधुनिक भारत में पहली बार जिस महिला ने संगठित रूप से चुनौती दी, उनका नाम सावित्री बाई फुले हैं.

जब स्कूलों में टीचर ही नहीं हैं तो शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाए

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

इन पांच कारणों से शिक्षक दिवस मनाना बंद कर देना चाहिए

पूरे भारत में शिक्षक दिवस के दिन बच्चों को शिक्षकों का सम्मान करने के लिए ऐसे मजबूर किया जाता है जैसे कि वे ज्ञान की देवी सरस्वती के अवतार हों.

हरियाणा में निर्भया फंड से चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटर बन गए हैं हैरेसमेंट सेंटर

जिस प्रताड़ना से निजात दिलाने के लिए इन केंद्रों को खोला गया था अब ये केंद्र उसी प्रताड़ना का हिस्सा बनकर रह गए हैं.

अमृता प्रीतम के संसार की नींव साहिर ने रखी तो वहीं इमरोज़ ने उसे अपने प्रेम से जीवन भर सींचा

अमृता प्रीतम की लेखनी उनका अपना जिया हुआ संसार था, उनका अपना अनुभव था. ऐसा अनुभव जिसकी साहिर ने नींव रखी थी और जिसे इमरोज ने अपने प्रेम से जीवन भर सींचा था.

मत-विमत

क्लाउडफ्लेयर आउटेज: भारत के लिए बड़ा अलर्ट — विदेशी डिजिटल सिस्टम पर खतरनाक निर्भरता उजागर

डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.

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राजनीति

देश

जनता, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकता: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 21 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता जनता, खासकर महिलाओं की...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.