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Friday, 19 April, 2024
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राजस्थान: खत्म होते पेड़ों के बीच अब पंक्षियों के लिए भी नए आशियाने

पंक्षियों के लिए बनाए गए घरों में वुडन हाउस, मड हाउस, हार्ड बोर्ड हाउस और स्टेबल हाउस है. वुडन हाउस को सजाया गया है और यह जलरोधक हैं.

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जयपुर: वर्तमान में एक ओर जहां दुनिया भर के बिल्डर लोगों के लिए वर्ल्ड क्लास घर बनाने में व्यस्त हैं, वहीं राजस्थान का एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) पक्षियों के लिए सुंदर और रंगीन घरों का निर्माण कर रहा है, जहां एक बेडरूम-हॉल-किचन (बीएचके) से लेकर 5 बीएचके के बीच पक्षियों को आवास दिए जाएंगे.

एनजीओ ‘अपना संस्थान’ मई 2018 से चिलचिलाती धूप और भारी बारिश के तहत छत की तलाश में पक्षियों की देखभाल कर रहा है.

संस्था के संस्थापक (जयपुर क्षेत्र) अशोक शर्मा का कहना है कि आज तक संगठन ने एक साल में 30 हजार से अधिक पक्षी घर बनाए हैं.

यह पक्षी घर अलग-अलग रंग और बनावट के हैं.

उन्होंने कहा, ‘यह चार प्रकार के हैं- वुडन हाउस, मड हाउस, हार्ड बोर्ड हाउस और स्टेबल हाउस. वुडन हाउस को सजाया गया है और यह जलरोधक हैं. वे थोड़े महंगे हैं क्योंकि इसकी लागत और नक्काशी में समय और संसाधन लगता है.’

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उन्होंने आगे कहा, ‘मड हाउस की मांग राजस्थान में है. हम कुम्हारों को इन रंगीन घरों को बनाने का आदेश देते हैं.’

शर्मा ने कहा, ‘पूरे राजस्थान में लगभग 10 हजार ऐसे घरों की आपूर्ति की जा रही है, जिनमें से जयपुर में 3 हजार के आसपास यह मांग बनी हुई है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘परिवहन शुल्क के साथ एक की कीमत लगभग 60 रुपये है, जो काफी बजट में हैं और लोग इसे पसंद करते है.’

उन्होंने आगे हार्डबोर्ड के पक्षी घर बनाने का सपना संजोया है.

शर्मा यहां 8वीं कक्षा तक की कक्षाओं के साथ एक स्कूल भी चलाते हैं.

अशोक शर्मा ने कहा, “हालांकि, यहां मुझे उन निर्माताओं की मदद की आवश्यकता थी, जो नेक काम के लिए 2 रुपये प्रति पीस दान करना पसंद करते थे.”

उन्होंने कहा, ‘एक टुकड़ा की कीमत लगभग 6 रुपये थी. उनके दान के साथ, मैंने 20 हजार ऐसे पक्षी घरों का आदेश दिया, जहां 3 हजार मेरे स्कूल के लिए रखे गए थे, और बाकी कहीं और वितरित किए गए.’

शर्मा अब आगे स्टेबल घर बनाना चाहते हैं. झुंझुनू में पक्षियों के लिए ऐसे दुर्लभ घरों में से एक का निर्माण किया गया. पक्षियों के लिए 10 फ्लोर वाला अपार्टमेंट ब्लॉक बनाया गया, जिसमें 1,100 पॉकेट हैं.

शर्मा ने कहा, ‘इस स्टेबल घर के निर्माण का कुल खर्च 3 लाख रुपये था. लोग इन पक्षियों के लिए योगदान देना चाहते थे, जो गर्मियों में और बारिश के दौरान आश्रय की तलाश करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मूल रूप से, यह एक विशाल दीवार है जिसमें पक्षियों के आराम करने के लिए लगभग 1,100 पॉकेट हैं.”

अब यहां पक्षी घर जन्मदिन और वर्षगांठ के अवसर पर रिटर्न गिफ्त के तौर पर दिए जाने लगे हैं.

शर्मा के स्कूल में एक अदभुत नजारा भी दिखता है और वह लंचटाइम में दिखता है जब बच्चे और पक्षी एक साथ लंच करते दिखते हैं. शर्मा ने कहा कि इस तरह बच्चों और प्रकृति के बीच संबंध को प्रगाढ़ किया जा सकता है.

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